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Monthly trending articles on ConnectClue

Shivam  posted in History

Showing results for Shailendra nath tiwari Remove
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Q1: Here we try to get value of unknown place?

Answer is given in video below----



Q2:
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7?16

Here we try to get value of unknown place?

Answer can be found with help of video given Above .








Q- The present age of Sonu's mother is four times that of Sonu's age. Sonu's age ten years from now will be half of his mother's present age. what are their present ages ?
Hint - let Sonu's age = X
present age of Sonu's mother is four times that of Sonu's age = 4X
Sonu's age ten years from now = X + 10

As, Sonu's age ten years from now will be half of his mother's present age.
 X + 10 = (1/2)*4X
X +10 =2X
+ 10 = 2X - X
10= X
So,    Sonu's age = X = 10
present age of Sonu's mother is four times that of Sonu's age = 4X = 4*10= 40


Q. In a joint family, there are father, mother, 4 married sons and three unmarried daughters. Out of the sons, two have 2 daughters each, and two have a son and a daughter each. How many female members are there in the family? 
(A) 15
 (B) 12
 (C) 14
 (D) 11








General knowledge

1. किस देश की सरकारी रिपोर्ट को येलो बुक कहा जाता है?

(A) फ्रांस
B) ब्रिटेन
 (C) इटली
 (D) जर्मनी

 1. Which country's official report is called Yellow Book?

(A) France

B) Britain 
(C) Italy 
(D) Germany


2. The winner of the Asia Cup 2007 was the captain of the Indian hockey team 

(A) Dilip Tirkey
 (B) Prabhjot Singh (C) Baljit Singh 
(D) Barinder Singh

2. एशिया कप 2007 की विजेता भारतीय

हॉकी टीम के कप्तान थे 
(A) दिलीप टिर्की 
(B)प्रभजोत सिंह (C) बलजीत सिंह (D) बरिन्दर सिंह


Q3, the first in India Where was the Law University established in August 1987? 
(A) Trivandrum (B) Ahmedabad

(C) New Delhi

Q3: भारत में प्रथम विधि विश्वविद्यालय की स्थापना अगस्त, 1987 में कहाँ हुई थी? 
(A) त्रिवेन्द्रम (B) अहमदाबाद
(C) नई दिल्ली 


Post updated on:  Nov 20, 2021 12:43:30 AM

There are many wonderful pastimes of Lord Shri Krishna. He shows a loving relationship with the devotees. The devotee makes God do whatever work according to his wish. This thing seems very strange. But it is true that Lord Shri Krishna is in the control of his devotee. There was a devotee named as Haridas. Listening to his loving song, Krishna would appear. Once his devotees were sad thinking about the people of Kaliyuga. He thought that the people of Kaliyuga would not be able to worship and worship God well. All people would be corrupted. The mind of all people And the intellect will become weak. The mind will become very fickle. In Kali-yuga, there will be a lot of sin by the living beings. He should please God. So that Krishna would take care of people. The condition has been laid Lord, you please appear in the form of Shri Banke Bihari for the salvation of the creatures of Kali Yuga. God cannot avoid anything from His devotees.





भगवान श्री कृष्ण की अद्भुत कई सारी लीलाएं है l उनका भक्तों के साथ  प्रेम भरा संबंध दिखता है l भक्त भगवान को अपने इच्छा अनुसार कुछ भी काम करवा लेता है l यह बात बहुत ही अजीब लग रही है l पर यह सच है कि भगवान श्री कृष्ण अपने भक्त के वश में है l 
श्री कृष्ण और राधा जी की भक्ति में लीन एक भक्त थे उनका नाम था - हरिदास ठाकुर l उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की वृंदावन में बहुत ही प्रेम भक्ति  की थी l
भगवान उनकी भक्ति भरे गाने को सुनकर प्रकट हो जाते l    एक बार कलयुग के लोगों के बारे में सोच कर उनके भक्त दुखी हो, उन्होंने सोचा कि कलयुग के लोग भगवान का भजन और पूजा अच्छे से नहीं कर पाएंगे l सभी लोग दूषित हो जाएंगे l सभी लोगों का मन और बुद्धि कमजोर हो जाएगा l मन बहुत ही चंचल हो जाएगा l कलयुग में  
जीवो द्वारा पाप बहुत ज्यादा होगा l आपने धाम ले जाने के लिए भगवान को कृपा करनी चाहिए l

इसके लिए उन्होंने भगवान के सामने शर्त रखी -  हे भगवान, आप कृपया करके कलयुग के जीवो के उद्धार के लिए श्री बांके बिहारी के रूप में प्रकट  हो l भगवान अपने भक्तों की किसी भी बात को टाल नहीं सकते l

                वृंदावन के अंदर भगवान श्री कृष्ण श्री बांके बिहारी के रूप में पूजे जाते हैं l भगवान श्रीकृष्ण वहां पर गोपाल के रूप में पूजे जाते हैं l और मान्यता है कि भगवान श्री बांके बिहारी एक जागृत भगवान है |  भगवान श्री कृष्ण वृंदावन के अंदर गोपाल रूप में रहते हैंंl  वहां पर उनकी प्रियसी का नाम श्रीमती राधारानी है और श्रीमती राधारानी वहां पर गोपी रूप में पूजी जाती हैं | 
                     वृंदावन के अंदर कई सारे रहस्य स्थित हैं l भगवान श्री कृष्ण वृंदावन के अंदर अपनी दिव्य लीलाएं दिव्य शक्तियों के द्वारा करते हैंं | वृंदावन के अंदर एक रहस्यमई वन हैै , लोगों की मान्यता है कि वहां पर आज भी भगवान श्रीकृष्ण आते हैंं | लोग इसी मान्यता के आधार पर वहां पर कई सारे खाने योग्य पदार्थ वहां पर रखते हैं l और सुबह में वह सारी वस्तुएं खाई हुई लगती हैं l कई सारे भक्त लोग वहां जाकर भगवान को पहनने के लिए वस्त्र देते हैं | वह सभी वस्त्र भगवान श्री कृष्ण ग्रहण स्वयं ग्रहण करते हैं,  लोगों की  यह मान्यता है| यह अद्भुत वन  निधिवन के नाम से जाना जाता है | असल में यह कई सारे तुलसी वनों से बना हुआ है | 






             वृंदावन के अंदर यमुना नदी भी बहती है l भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए श्रीमती यमुना देवी ने कई वर्षों तक जल के अंदर स्थित होकर तपस्या की थी | भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होने पर उन्हें भी वृंदावन के अंदर वास करने का अवसर प्राप्त हुआ | मथुरा के अंदर गोवर्धन पर्वत भी स्थित है l गोवर्धन पर्वत को अद्भुत पर्वत कहा जाता है l गोवर्धन पर्वत का वर्णन कई सारे पुराणों और ग्रंथों में मिलता है l यह पर्वत भगवान श्री कृष्ण के द्वारा धारण किए जाने की वजह से भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है | देवराज इंद्र के घमंड को दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने ही अपने हाथों पर गोवर्धन पर्वत को धारण किया था l इसीलिए भगवान श्री कृष्ण को गोवर्धनधारी भी कहा जाता है l कई सारे भक्त गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करके अपने को कृतार्थ मानते हैं l भगवान श्रीकृष्ण हरिदास ठाकुर की प्रार्थना को स्वीकार कर लिए |   उन्होंने श्री राधा जी के साथ मिलकर एक स्वरूप को प्राप्त किया l उसी का नाम श्री बांके बिहारी पड़ा | 
                   बांके बिहारी के अंदर  श्रीकृष्ण राधा दोनों ही युगल स्वरूप में रहते हैं l  मथुरा के अंदर यमुना नदी के तट पर भगवान श्री कृष्ण का द्वारिका नाथ मंदिर  है l  भगवान श्री कृष्ण यहां पर द्वारिकाधीश के रूप में रहते हैं l मथुरा के लोग भगवान श्री कृष्ण को अत्यंत प्रेम करते हैं l उनके प्रेम को स्वीकार करने के लिए भगवान श्री कृष्ण द्वारकाधीश के रूप में यहां पर विराजमान है l भगवान श्री कृष्ण का दूसरा मंदिर है श्री राधा वल्लभ लाल मंदिर l

Here are two types of Tulsi



                   यहां भगवान श्री कृष्ण राधा जी के पति के रूप में पूजा किया जाता है l श्री राधा जी बरसाने की थी l बरसाने में श्री राधा जी का बहुत विशाल मंदिर है l श्री राधा जी को वृंदावन का स्वामी माना जाता है l श्री कृष्ण समस्त ब्रह्मांड के अधिपति है l पर वृंदावन की स्वामी राधा जी है l श्री राधा जी श्री कृष्ण को अपने प्रेम के बंधन से बांध कर रखती है l इसीलिए भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें वृंदावन का स्वामी बना दिया है l बिना श्री राधा जी की मर्जी के वृंदावन में कोई भी जीव नहीं जा सकता l  श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए भक्त हमेशा लालायित रहते हैं l श्री बांके बिहारी में सुबह-सुबह आरती नहीं होती है l ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण रास करने के लिए जाते हैं और सुबह उन्हें जगाने पर वह ज्यादा थके हुए है l इसीलिए उनकी आरती सुबह नहीं कर के 8:00 बजे के पास होता है l भगवान भी भक्तों के भाव का सम्मान रखते है l  भक्तों के द्वारा भेंट को स्वीकार करते हैं l






Lord Shri Krishna has infinite powers. The powers Of Lord Shri Krishna cannot be described by any one man. It is described that God has sixteen arts. One power of God is the power of creation power.
The strong thing of Lord Shri Krishna is Sudarshan Chakra. A very fierce fire emanates from inside the Sudarshan Chakra. But this fire appears only at the time of destroying the wicked. Sudarshan Chakra goes to the devotees of  Lord Shri Krishna to protect them. At that time no flame or fire emanates from this Sudarshan Chakra.


Kaustubh mani is the  mani Which is full of the various types of presious stones. The Lord Krishna knows the real spiritual knowledge of the importance of the Kaustubh mani, no one can predict or know it's importance. Kaustubh mani is the mani which is able to fulfill all the desires.

                           Radha kund


God are manifested by seeing some of the presious sign in him. Several types of purana and books explained that Shri Krishna himself is God. Bhagwan comes in the world of human being for the accomplishment of the devotees. Bhagwan Shri Krishna always used to fulfill the desires of the devotees and give pleasure to the devotees through lilavaichitryya. Bhagwan Shri Krishna shows various types of lilavaichitryya which touch the heart of the devotees and rishis.  For the fulfillment of the love of his dear relatives Shree Krishna used to do several lilas. There are sixteen signs at the marvelous lotus feet of Bhagwan Sri Krishna. The marvelous lotus feet of Bhagwan Sri Krishna contains symbols of flag, thunder, verse, Ankush, yava, swastika, uddha' line and octagonal, rainbow, triangle, kalas, half moon, sky fish, and goshpad. The last remaining sign is the shape of a berries. 


                       
                         Barsana dham




Ramanraati, Gokul

          Barsana

          Nand bhawan

         Gokul , ramanretii


उसमें कुछ अमूल्य चिन्ह देखकर भगवान प्रकट होते हैं। कई प्रकार के पुराणों और पुस्तकों में समझाया गया है कि श्री कृष्ण स्वयं भगवान हैं। भक्तों की सिद्धि के लिए भगवान मनुष्य लोक में आते हैं। भगवान श्री कृष्ण हमेशा भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते थे और लीलावैचार्य के माध्यम से भक्तों को सुख देते थे। भगवान श्री कृष्ण विभिन्न प्रकार के लीलावैचित्र्य दिखाते हैं जो भक्तों और ऋषियों के दिल को छूते हैं। श्रीकृष्ण अपने प्रिय सम्बन्धियों के प्रेम की पूर्ति के लिए अनेक लीलाएँ करते थे। भगवान श्रीकृष्ण के चरण कमलों में सोलह चिन्ह हैं। भगवान श्रीकृष्ण के अद्भुत चरण कमलों में ध्वज, गड़गड़ाहट, पद्य, अंकुश, यव, स्वस्तिक, उद्ध रेखा और अष्टकोणीय, इंद्रधनुष, त्रिकोण, कला, अर्धचंद्र, आकाश मछली और गोपद के प्रतीक हैं। अंतिम शेष चिन्ह जामुन के आकार का है।

Shailendra  posted in Blog

Post updated on:  Nov 20, 2021 12:42:54 AM

There are several types of sources of the energy. Many types of energies are renewable resources of energy and some are non- renewable resources of energy. Today the world is changing its view regarding the types of energy. It is argued that the form of the energy decides the production of pollutants. 

                            Biodiesel can be produced by the help of the algae. Algae is a waste living organisms that is produced on the surface of the water present in the pond or river. Algae is formed due to decay of the dead  bodies and plants. Biodiesel production due to the algae is a process in which the production is done by algae. Algae can be easily produced by the renewable resources of energy.


    


Algae are the simple aquatic organisms .
It below to the  the plant kingdom. They make their own food by the process of photosynthesis. The branch of science which deal with the study of the algae and production of the algae, is called phycology.




                     For the purpose of comparative study of the diesel engine and the engine running on algae, the observer has to design some setup. The diesel engine can be used for the experimental purpose  and the fuel can be supplied to the engine. The test should be done for finding the engine speed, break power, torque and fuel flow by the help of various Apparatuses. The performance of the engine is calculated by considering the load as well as the consumption of the fuel simultaneously.  The performance of the engine is determined by the explanation of the torque and loads. 

These are the steps for producing the algae ----
Firstly, collect the algae.

 
Basically Esterification process helps to reduce the viscosity present in the biodiesel that is produced from vegetable oil and renewable resources. If the biodiesel is directly used in the diesel engine, it may damage the internal part of the engine because it has high viscosity. Due to viscosity, the internal parts of the diesel engine may slip or collapse while it is running.

Methods used for Production of Biodiesel - 

1. Conventional Mechanical Stirring Method - The mechanical stirring method is used to mix the methanol and catalyst properly. This method is the cheapest way to get biodiesel.
         The mechanical stirring machine consists of three major components : temperature controller, speed controller and magnetic stirrer. The temperature controller is used for maintaining the suitable temperature inside the beaker. The speed controller is used to control the speed of rotation of solution inside the beaker. The magnetic stirrer is the component which helps to mix the methanol and oil nicely by stirring the solution inside the beaker. 

2 . Ultrasonic Cavitation Method- It is used nowadays as it produces more biodiesel from the oil. 

3. Soxhlet Extractor Method- It is very expensive method to produce the biodiesel from the vegetable waste. This method is very costly method for biodiesel manufacturing and is time consuming method. Collect the biodiesel after the process of stirring and settling.






Basically the plants are also very nice way to get fuel. The engine is also available for the same biodiesel.


Shailendra  posted in Others

Post updated on:  Nov 19, 2021 12:42:50 AM

Olympiad preparation for Mathematics

Fraction of the number is the best way to show the part that are to separated from the whole parts.
Profit and Loss influences the business plan. When ever the business is not getting more profit, then the system of management studies the causes of the loss or ways of the marketing of the others competitive companies. When the person who works hard for the project, is not trying to get better income, then the person didn't try to know about the way to handle the client. When the person is purchasing the property at high rate, and selling the house or property at very low price, then the man is not getting profit.

Question based on polygon 







Questions - What is the whole number?

Basically the whole numbers are the numbers starting from the zero. The numbers are as follows 0,1,2,3,4,5,6,7 and so on. 



Try to get answers by your own-

Question- Select the correct statement.

A)  Renuka had 1556 cm long cloth. She wants to cut 13 m 50 cm from it. The length of cloth left with her will be 2.06 m.

(B) Renu got Rs 500 and spent on stationery items and 350 on furniture. The amount left with Rita is 331.

(C) Pramila bought  250 g capsicums, 700 g onions, 100 g gingers, 600 g potatoes and 300 g apple. The total weight of the vegetables she bought is 2.350 kg.

Q- The present age of Aditya's mother is four times that of Aditya's age. Aditya's age ten years from now will be half of his mother's present age. what are their present ages ?
Hint - let Aditya's age = X
present age of Aditya's mother is four times that of Aditya's age = 4X
Aditya's age ten years from now = X + 10

As, Aditya's age ten years from now will be half of his mother's present age.
 X + 10 = (1/2)*4X
X +10 =2X
+ 10 = 2X - X
10= X
So,    Aditya's age = X = 10
present age of Aditya's mother is four times that of Aditya's age = 4X = 4*10= 40

Try to solve it by own.

Q - The sum of three consecutive multiple of 5 is 330. Find the multiples. 
Hint - Let first number is X
Second number is X+5
Third number is X+10
X+X+5+X+10 =330
3X=330-15=315
X=315/3=105
first number is X =105
Second number is X+5=110
Third number is X+10=115

Q -  The measures of two angles of a quadrilateral are 135? and 45?. The remaining two angles are equal. Find the measure of each of the angle ?

Hint -  measures of two angles of a quadrilateral are 135 and 45.
 The remaining two angles are equal - X

 Q. Two coins are tossed simultaneousiy Find the probability of setting. i) Two heads ii) one head iii) no head.

Q. Construct a quadrilateral ABCD in which AB=4.2cm. BC = 4.8cm, CD=6.3cm, AD=3.1cm and BD=6.7 cm.

Q. Study the following statements carefully and find the correct statement.
Statement 1: Additive identity does not exist in natural numbers.
Statement 2: Sandeep distributes 4 boxes of sweets. If each box comprises 6 chocolates and 10 candies, then there are 64 sweets in 4 boxes,

(A) Both Statement-1 and Statement-2 are true.
(B) Statement-1 is true but Statement-2 is false.
(C) Statement-1 is false but Statement-2 is true.
(D) Both Statement-1 and Statement-2 are false.

Q. State 'T' for true and 'F' for false.

I.Sum of two whole numbers is always less than their product.

II. Whole numbers are not closed under multiplication.

III. If a whole number is divided by another whole number which is greater than the first one, then the quotient is not equal to zero

Hint - I. True for 7*0= 0, 0+7= 7

(Q)Find the difference of the square of two consecutive numbers 63 and 64 using formula.

(Q)State whether it is  the correct statement or not.

 Yashika has to cover a distance of 20 km 50 m. She walked 1 km and went by bus for 15 km and hired an auto for rest of the distance. The distance she covered by auto is 4.05 km.


(Q) Fill in the blanks.

(1) The product of any two whole numbers is a __________ number.

(ii) If a and b are any two whole numbers and b < a, then a - b is a _________  number.

(iii) The product of a whole number and zero is ______________

(iv) The product of a whole number and  one is ____________

Ans.  (1)whole (ii)whole (iii) zero (iv) whole number or number it self

Try to get answer.

(Q) If husband is called wife, wife is called grandfather, grandfather is called grandmother, grandmother is called maternal grandmother, maternal grandmother is called maternal grandfather, maternal grandfather is called maternal uncle and maternal uncle is called maternal aunt, then what will the father of the mother be called? 

(A) Maternal grandmother
 (B) Maternal uncle 
(C) Maternal grandfather
 (D) Maternal aunt

Q. Raj Kumar went to a craft fair where he spent a total of 16.00. He spent rupees 6.00 on admission and went to 8 chair. He spent the same amount of money (m) at each table. The given expression can be used to find how much money he spent at each table. 16 = 6 + 8 m. Find money spent on each chair ?

Answer -
  He has total money - 16.
He spent rupees 6.00 on admission 
and went to 8 chair. 
He spent the same amount of money (m) at each table.
same amount of money= X
 16= 6+ 8 X
16-6= 8X
10\8= X
X= 1.25( ans)

Q. In a class of 35 students, Kunal is placed seventh from the bottom whereas Sonali is placed ninth from the top. Pulkit is placed exactly in between the two. What is Kunal's position from Pulkit? 

(A) 9th
(B) 10th 
(C) 11th
 (D) 13th

Q. Find the value using distributive property.
728 x 102
Ans- 
728(100+2)= 728*100+ 728*2
= 72800 + 1456

Q. The product of two numbers is -5/12. If one of the numbers is 18. Find the other.
Hint -
First number - X
Second number - 18
X * 18 =  -5/12,
X = - ( 5/12) / 18

Q. Study the following statements carefully and select the correct option.

Statement-1 : Place value of a digit increases by 10 times as the digit moves from the right to the left place by place.

 Statement-2: Any number of zeroes placed to the right of the decimal part of a number does not change the value of the num!

(A) Both Statement-1 and Star are true.

(B) Statement-1 is true but s is false.

(C) Statement-1 is false but Statement-2 is true.
(D) Both Statement-1 and Statement-2 are false.

Post updated on:  Oct 24, 2021 10:23:03 AM

Friction-

Friction is the force that tries to stop the motion of the body. Friction in the force that is generated when a body is sliding over another body. Now today we are going to talk about the application of friction. The force of friction is unwanted thing in case of any types of construction.

                           When we place a block on the surface,  and if we apply the force on the bottom of the block. The block will try to move in forward direction. There is an opposite and opposing force present between the block and the surface that will try to restrict the movement of the block, that force is known as force of friction. 


Weight  = (W)
Angel of inclination =  ($ )
Reaction of box = ( R)
Force of Friction = (F)
Coefficient of friction  = (Cf) 

Force of friction (F)  = (Cf) * Reaction
  
F = (Cf) * R 

Types of Friction- 

There are two types of friction, first one is static friction and second one is dynamic friction. 

I) Static Friction

Whenever the body is under the condition of eqillbrium or rest , the body experiencing a force of Friction on that time is considered as the static friction.
 The static friction is the friction, that is experienced by the body when it is in condition of rest the static. 

ii) Dynamic Friction

 The dynamic friction is the friction that is experienced by the body when the body is in condition of motion, that friction is also known as kinetic friction. There are two types of dynamic friction, first one is sliding friction and second one is rolling friction. When one body slides over the another body then the friction generated between the both the bodies is known as sliding friction. When the body roll over the another body then the friction generated between the two bodies is known as a rolling friction.

Numerical on friction

A box having weight of 250 N is putting on surface of the table. The coefficient of friction is 0.3. Find value of the force, which may be able to move the box, while acting at angle of  (  30 )  with the  horizontal surface.

Solution -

Given, weight (W)= 250 N
coefficient of friction (Cf) = 0.3
Angel of inclination =  ($) = (  35)  
Force of Friction = (F)
Let, Force which is able to move box =( Fr)
Reaction of box = ( R)

Reaction to the box (R ) = weight of box (W)



By resolving the force in x- axis, 

F  =  Fr * Cos ($ ) 
    = Fr * Cos (30 ) 
    = (0 .866 ) Fr  
                                        _______ equation (1) 

By resolving the force in y- axis, 

R   =  W -  Fr  * (Sin $ ) 
     =  W -  Fr  * (Sin 30  ) 
     = 250   -  Fr *(0 .5).   _______ equation (2)


Also we know that
Force of friction (F)  = (Cf) * reaction
F = (Cf)* R 

Using equation 1 & 2,

 (0 .866 ) Fr  = (Cf) * {250   -  Fr * (0 .5)}

(0 .866 ) Fr  = ( .3) * {250   -  Fr * (0 .5)}

By solving the equation , we get

Fr = 73 N (Ans) 


Law of Friction - 

The law of friction states that the friction does not depend upon the area of contact between the body and the surface. It depends upon the roughness of surface. The force of friction is equal to the force  generated by the body in the perpendicular direction. In other word, we can say that the force of friction is equal to the normal reaction of the body that is perpendicular to the surface .

 
Application of  Friction -

Generally the force of friction is considered to be unwanted thing. The friction is considered as the force which is not required in our day to day life. There are various applications of friction. First one is the friction can be used in ladder to climb on the ladder.

1) Ladder Friction -

 In case of ladder friction, the friction helps to climb up on the ladder from bottom to the roof of the room. Due to the ladder,  there is normal reaction acting on the ladder by the wall. The normal reaction is also generated near  the bottom of the ladder. 





F1 = frictional force at bottom of ladder,
F2 = frictional force at top of ladder,

R1 = Normal reaction between the ladder and floor, it is present at bottom of ladder,

R2 = Normal reaction between ladder and wall , it is present at the top of ladder,


2) Screw Friction -

Second use of the friction is  screw friction. In case of the screw friction, the object lifted  with the help of the screw.  

3) Wedge Friction -

The third use or application of frictional force is wedge friction. Wedge is also the example of the use of the friction. Actually the wedge is the triangular  shape object. Wedge is the object which can be used in putting the heavy object in correct position. It can be also used to lift the object.


Here, 

the body is having weight as (W).

Force tries to lift the body in upward direction is shown as ( F ).
The force of Friction depends on the roughness of the surface on which  the body is moving. If the surface of the body is more rough, then the magnitude of the force of friction is considerably more than the other surface, which is less rough.

System of force -       Force is the external agency that tries to  change the respective dimensions of the object. There are two different things, first one is magnitude and second one is the direction. Force is expressed in terms of magnitude and direction.  On accounting it's definition, it is the external agent responsible for change of the respective dimensions of the body. Generally the direction of force illustrates the details of different directions of the body, where the force is applied. The direction of the force awakens the way by which the body is deformed.  

If the line of action of two or more  forces are on the same plane then it is known as the Coplanar forces. If the line of action of two forces are parallel to each other, then there are known as parallel forces. If the line of action of more than one force is on the same line, then that system of  forces is called Collinear forces. The force which is produced due to  the surface between the two body, is called the contact force. There are many more types of contact force  force -1) Muscular force 2) Frictional forces. There are many more types of non- contact force  force -
1)Gravitational force  
2) Magnetic forces 
The force which is produced due to  the non - surface between the two body, is called the contact force.



The influences of the force  -

1) The force can easily change the direction of the body having some motion in it.
2) The force can stop the body by the application of the force on the body.
3) The force helps to change the speed of the body, which is having some motion in it.
4) The force can easily change the state of the body.



Shailendra  posted in Technical

Post updated on:  Oct 10, 2021 7:55:12 AM

Lord Shri Jagannath

This is the story of Lord Shree Jagannath. Lord Shree Jagannath resides inside the grand temple in Orissa. Lord Jagannath has many secrets and many stories which impress the devotees. Lord Shri Jagannath performs many Leelas with his devotees to keep the mind of his devotees. Lord Shri Jagannath along with his brother Shri Balarama and sister Subhadra resides inside the temple. King Indradyumna built the temple of Lord Sri Jagannath.



भगवान श्री जगन्नाथ


Lord Sri Krishna is worshiped in the form of Lord Jagannath. There are four eras on the earth, namely, Satya Yuga, Treta Yuga, Dwapara Yuga, Kalyug. Among these four Yugas, the most sacred age is called Satya Yuga.

In Satyuga, Maharaja Indradyumna discovered the idol of Lord Shri Jagannath ji. Lord Shri Jagannath is mentioned in many Puranas. In Skanda Purana, Lord Shri Jagannath is called Jagannath God. It is described in the Skanda Purana that the abode of Lord Jagannath, which is called Purushottam Kshetra, never gets destroyed.

This thing happened at that time when Lord Shri Krishna was performing many pastimes inside Dwarka in Dwapar Yuga. The child leela of Goddess Subhadra and Lord Shri Krishna was astonished to hear the child leela of Lord Shri Krishna. Shri Krishna's body started melting like wax due to utmost love. Prayed to the Lord, that just as you are full of love now, in the same way, by not looking at the sins of the living beings in Kaliyuga, be very kind to them. Lord Shri Krishna blessed Narada Muni and said that he Lord Shri Jagannath will be worshiped in the form of Lord Shri Jagannath in Kali Yuga and all the sins of the living beings will be destroyed just by seeing Lord Shri Jagannath once.



यह कथा है, भगवान श्री जगन्नाथ की l भगवान श्री जगन्नाथ उड़ीसा में भव्य मंदिर के अंदर निवास करते हैं l भगवान जगन्नाथ की कई सारी रहस्य और कई सारी कथाएं हैं जो भक्तों को प्रभावित करती है| भगवान श्री जगन्नाथ अपने भक्तों का मन रखने के लिए कई  लीला अपने भक्तों के साथ करते हैं| भगवान श्री जगन्नाथ अपने भाई श्री बलराम और बहन सुभद्रा के साथ मंदिर में अंदर स्थित रहते हैं| राजा इंद्रद्युम्न ने भगवान श्री जगन्नाथ का मंदिर बनवाया था| 


     


                भगवान श्री जगन्नाथ का मंदिर 

 भगवान श्रीकृष्ण श्री  भगवान जगन्नाथ के रूप में पूजे जाते हैं l पृथ्वी के ऊपर चार युग होते हैं, सतयुग, त्रेता युग,  द्वापर युग,  कलयुग l इन चार युग में, जो सबसे पवित्र युग होता है उसे सत्य युग कहा जाता है l

 सतयुग में महाराजा इंद्रद्युम्न ने भगवान श्री जगन्नाथ जी की प्रतिमा का पता किया था| कई सारे पुराणों में भगवान श्री जगन्नाथ का उल्लेख मिलता है l स्कंद पुराण के अंदर भगवान श्री जगन्नाथ को जागृत भगवान कहा जाता है | स्कंद पुराण के अंदर वर्णन मिलता है कि भगवान श्री जगन्नाथ का धाम जिसे पुरुषोत्तम क्षेत्र कहते हैं,उसका  प्रलय कभी नहीं होता | 

 यह बात उस समय की जब भगवान श्री कृष्ण द्वापर युग में द्वारिका के अंदर कई सारी लीलाओं को कर रहे थे l एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपनी ही माता देवकी के मुख से अपने ही बाल लीलाएं को सुनने का प्रयत्न कर रहे थे l उस समय भगवान बलराम, देवी सुभद्रा और भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं को सुनकर आश्चर्य चकित हो गए l श्रीकृष्ण का शरीर मोम की तरह,  अत्यंत प्रेम के कारण पिघलने लग गया l अचानक उसी समय, नारद मुनि पहुंच गए और उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना की, कि हे भगवान जिस प्रकार आप अभी अत्यधिक प्रेम से युक्त है, उसी प्रकार आप कलयुग में जीवो के पापों को नहीं देखते हुए उनके लिए अत्यंत अधिक कृपारूप धारण कीजिए l भगवान श्री कृष्ण ने नारद मुनि को आशीर्वाद देते हुए कहा कि वे कलयुग में भगवान श्री जगन्नाथ के रूप में पूजे जाएंगे और भगवान श्री जगन्नाथ का एक बार दर्शन करने मात्र से ही जीवो के सभी पाप नष्ट हो जाएंगे|

श्री कृष्ण भगवान हैं जो भक्तों के लिए अपने प्यार और स्नेह के लिए जाने जाते हैं। कृष्ण के पास विभिन्न प्रकार की शक्तियाँ और विभिन्न प्रकार की शक्तियाँ हैं। दुनिया और कृष्ण के बारे में तरह-तरह की किताबें लिखी गई हैं। सुदर्शन कृष्ण का हथियार है। कृष्ण का अस्त्र अपनी प्रकृति और शक्ति के कारण बहुत कीमती है। सुदर्शन एक जीवित वस्तु के रूप में कार्य करता है। यह केवल धातु की चीज नहीं है। कृष्ण का एक अन्य हथियार कोमोदकी गदा है। अगला हथियार पांचजन्य शंख है। पांचजन्य शंख शत्रु को मारने के लिए बहुत बड़ी ध्वनि उत्पन्न करता है।

 
पुराणों में ब्रह्म का वर्णन मिलता है | परब्रह्म का अर्थ है वह दिव्य परमात्मा जो सभी जीवो के अंदर वास करता है तथा सभी जीवो को सुरक्षा प्रदान करता है | ब्रह्म कहीं पर भी आ जा सकता है l ब्रह्म बिना हाथ की किसी को भी छू सकता है l ब्रह्मा बिना पैर के कहीं पर भी जा सकता है l ब्रह्म बैठे बैठे किसी भी एक स्थान से दूसरे स्थान को जा सकता है | श्री कृष्ण ने द्वारका में स्थित रहते हुए भी हस्तिनापुर के अंदर हो रहे अन्याय को रोका था | भगवान श्री कृष्ण ने दिव्य शक्तियों से महारानी द्रौपदी की रक्षा की थी | भगवान जगन्नाथ की मूर्ति में हाथ को नहीं बनाया गया हैै l इसके पीछे बहुत ही गूढ़ रहस्य हैै कि भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों की रक्षा बिना लौकिक हाथों की भी कर सकते हैं l उनका दिव्य अलौकिक हाथ हर जगह मौजूद है l भगवान जगन्नाथ अपनी अलौकिक शक्ति के द्वारा हर जगह, हर परिस्थिति में,  हर समय,  हर काल में हर जगह मौजूद है l सर्वव्यापी शक्ति के द्वारा हर जगह मौजूद है l और हर एक कार्यों को कर सकते हैं l भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों की रक्षा हेतु हमेशा तत्पर रहते हैं|

                           भगवान जगन्नाथ का प्रसाद जो भी एक बार खा लेता है, वह हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है, उसका पुनर्जन्म नहीं होता है|

                          भगवान श्री जगन्नाथ की एक भक्तिन थी, जिनका नाम था कर्माबाई l  एक बार एक सन्यासी कर्माबाई के यहां से होकर गुजर रहा था l उस समय कर्माबाई भगवान जगन्नाथ के लिए खिचड़ी बना रही थी l  कर्माबाई ने दातून से ही खिचड़ी को हिलाना शुरू कर दिया l जब सन्यासी ने इस प्रकार करमा बाई को करते हुए देखा l उन्होंने करमा बाई को डांटते हुए कहा कि भगवान श्री जगरनाथ का भोग बनाने से पहले स्नान करना चाहिए तथा सभी पात्रों को धोना चाहिए |  कर्माबाई अगले दिन स्नान की और उसके बाद सभी बर्तनों को साफ किया l फिर उन्होंने बर्तनों में भगवान जगन्नाथ के लिए  भोग बनाना आरंभ किया l तब तक भगवान जगन्नाथ उनके यहां खाने के लिए आ गए | भगवान जगन्नाथ ने देखा कि माता कर्माबाई ने अभी तक खिचड़ी नहीं पकाया l फिर कर्माबाई ने कहा कि रुक जाओ  l उसके बाद उन्होंने खिचड़ी खाई और वापस अपने मंदिर को चले गए | लेकिन आज भगवान जल्दबाजी में वापस आए थे इसलिए उनके हाथ में खिचड़ी के दाना और मुंह में कुछ खिचड़ी लगी हुई थी l जब पुजारियों ने मंदिर का दरवाजा खोला तो देखा कि भगवान जगन्नाथ के हाथ और मुंह में खिचड़ी के कुछ दाने लगे हुए हैं l पुजारियों को आश्चर्य हुआ l और आश्चर्यचकित होकर भगवान से पूछने लगे l सभी पुजारियों ने भगवान से पूछा कि आपके मुंह में यह खिचड़ी कैसे लगी है क्योंकि हमने भोग में किसी प्रकार का कोई खिचड़ी नहीं दिया l तब भगवान ने कहा कि उनकी एक माता है जो कर्माबाई के नाम से गांव में रहती है | माता कर्माबाई को किसी सन्यासी ने कह रखा है कि स्नान करने और पूजा पाठ करने के बाद ही भगवान के लिए भोग बनाना चाहिए l इसलिए आज मुझे विलंब हो गया | भगवान ने उस सन्यासी को डांटते हुए भी कहा कि आज से मेरी माता को किसी भी प्रकार का शास्त्र का नियम मत कहना l मेरी माता के द्वारा बनाया हुआ खिचड़ी मुझे अत्यंत प्रिय है l जब कर्माबाई का स्वर्गवास हुआ था , भगवान श्री जगन्नाथ को बहुत दुख हुआ l और उन्हें रोता हुआ देखकर सभी पुजारियों ने कहा कि हमें भी भगवान श्री जगन्नाथ को खिचड़ी खिलानी चाहिए और सभी पुजारी ने मिलकर भगवान श्री जगन्नाथ के लिए खिचड़ी को बनाया l उसी समय से भगवान श्री जगन्नाथ को खिचड़ी देने की प्रथा आरंभ हो गई|


                           श्री बांके बिहारी


वृंदावन के अंदर भगवान श्री कृष्ण श्री बांके बिहारी के रूप में पूजे जाते हैं l भगवान श्री कृष्ण का कई सारे मंदिर स्थित हैं l भगवान श्रीकृष्ण वहां पर गोपाल के रूप में पूजे जाते हैं l और मान्यता है कि भगवान श्री बांके बिहारी एक जागृत भगवान है | 

 भगवान श्री कृष्ण वृंदावन के अंदर गोपाल रूप में रहते हैंंl  वहां पर उनकी प्रियसी का नाम श्रीमती राधारानी है और श्रीमती राधारानी वहां पर गोपी रूप में पूजी जाती हैं |  वृंदावन के अंदर कई सारे रहस्य स्थित हैं l भगवान श्री कृष्ण वृंदावन के अंदर अपनी दिव्य लीलाएं दिव्य शक्तियों के द्वारा करते हैंं | वृंदावन के अंदर एक रहस्यमई वन हैै , लोगों की मान्यता है कि वहां पर आज भी भगवान श्रीकृष्ण आते हैंं | लोग इसी मान्यता के आधार पर वहां पर कई सारे खाने योग्य पदार्थ वहां पर रखते हैं l और सुबह में वह सारी वस्तुएं खाई हुई लगती हैं l कई सारे भक्त लोग वहां जाकर भगवान को पहनने के लिए वस्त्र देते हैं | वह सभी वस्त्र भगवान श्री कृष्ण ग्रहण स्वयं ग्रहण करते हैं,  लोगों की  यह मान्यता है| यह अद्भुत वन  निधिवन के नाम से जाना जाता है | असल में यह कई सारे तुलसी वनों से बना हुआ है | वृंदावन के अंदर यमुना नदी भी बहती है l भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए श्रीमती यमुना देवी ने कई वर्षों तक जल के अंदर स्थित होकर तपस्या की थी | भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होने पर उन्हें भी वृंदावन के अंदर वास करने का अवसर प्राप्त हुआ | मथुरा के अंदर गोवर्धन पर्वत भी स्थित है l गोवर्धन पर्वत को अद्भुत पर्वत कहा जाता है l गोवर्धन पर्वत का वर्णन कई सारे पुराणों और ग्रंथों में मिलता है l यह पर्वत भगवान श्री कृष्ण के द्वारा धारण किए जाने की वजह से भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है | देवराज इंद्र के घमंड को दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने ही अपने हाथों पर गोवर्धन पर्वत को धारण किया था l इसीलिए भगवान श्री कृष्ण को गोवर्धनधारी भी कहा जाता है l कई सारे भक्त गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करके अपने को कृतार्थ मानते हैं l
                      
                        जय श्री द्वारिकानाथ


भगवान श्री कृष्ण का यहां पर सोलह सिंगार होता है और यहां भगवान श्री कृष्ण की पटरानी रुकमणी जी को माना जाता हैै l  रुकमणी के संग भगवान श्री कृष्ण की पूजा होती है l
   भगवान श्री कृष्ण योगेश्वर के रूप में पूजे जाते हैं l भगवान श्री कृष्ण की  कई हजारों पत्नियां थी | भगवान श्री कृष्ण स्वयं द्वारिका के अधिपति है | फिर भी कई सारे मुनि और महर्षि भगवान श्री कृष्ण को योगेश्वर के रूप में पूजते हैं और भगवान श्री कृष्ण की कई सारी लीलाओं का मनन - चिंतन करते हैं l


                          जय श्री  बद्रीनाथ


 भगवान श्री कृष्ण बद्रीनाथ के रूप में पूजे जाते हैं l बद्रीनाथ के अंदर,  मंदिर के अंदर, भगवान श्रीकृष्ण नर और नारायण  के रूप में हैं l

                    ऐसा महाभारत में उल्लेख आता है कि करण को सिर्फ और सिर्फ नर मुनि ही मार सकते थे l स्वयं अर्जुन नर मुनि थे l उन्होंने ही उसका वध किया था l महाभारत की युद्ध से पूर्व राजा महाराज धृतराष्ट्र को चेतावनी देने के लिए स्वयं मुनि वेदव्यास जी ने यह कहा कि श्री कृष्ण और अर्जुन को साधारण मनुष्य नासमझ l  "हे राजा, श्री कृष्ण और अर्जुन नारायण और नर नामक मुनि  हैं l उन्होंने हजारों वर्षों तक तपस्या की थी l "

                    भगवान को मोहित नहीं किया जा सकता l कई लोग यह सोचते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को मोहित किया जा सकता है | श्रीमद्भागवत में यह वर्णन आता है कि नर और नारायण मुनि ने कई वर्षों तक घन घोर तपस्या की l उनकी तपस्या को देखकर देवराज इंद्र कोई भय लगने लगा कि कहीं वे उनका इंद्र पद ना मांग ले l इसीलिए उन्होंने वसंत ऋतु , कामदेव और कई सारी अप्सराओं को नर और नारायण की तपस्या को भंग करने के लिए भेज दिया l नर और नारायण तपस्या कर रहे थे, वहां पर जाकर वसंत ऋतु , कामदेव और अप्सराओं ने अपना नृत्य आरंभ किया l देवराज इंद्र के आदेश के कारण सभी नृत्य करने लग गई l और नर और नारायण को तपस्या से हटाने के लिए प्रयास करने लग गई l नर नामक मुन्नी को क्रोध आ गया और वह उन्हें मारने के लिए तैयार हो गए l लेकिन भगवान जो नारायण मुनि के रूप में थे, अत्यंत ही प्रसन्नता पूर्वक मुस्कुराते हुए नर नामक मुनि को शांत किया l फिर उन्होंने कहा कि आप व्यर्थ क्रोध कर रहे हैं l यह सभी देवराज इंद्र के आदेश से यहां पर आए हैं l इनका स्वयं कोई भी गलती नहीं है l  मुनि  ने अपनी जांघ से उर्वशी नामक अप्सरा को उत्पन्न किया l उर्वशी अत्यंत ही सुंदर थी l उस समय देवराज इंद्र  के द्वारा भेजी हुई अप्सराओं का मान भंग हो गया l उनका घमंड चूर हो गया. l उर्वशी के सामने अपने आप को  निम्न समझते हुए, उन्होंने नारायण मुनि से माफी मांगी l भगवान नारायण ने उन्हें माफ कर दिया l उसके बाद भगवान नारायण ने कहा कि तुम इस उर्वशी नामक अप्सरा को ले जाकर देवराज इंद्र को उपहार  स्वरूप  प्रदान करो और देवराज को कहना कि हमें उनका कोई इंद्र पद नहीं चाहिए l इसलिए  व्यर्थ चिंता ना करें l  नारायण मुनि ने कहा कि हम यह तपस्या जगत के कल्याण के लिए कर रहे हैं ना कि इंद्र पद को प्राप्त करने के लिए l  जगत में लोगों को यह समझना चाहिए कि यज्ञ करने  और तपस्या करने से मनुष्य की आयु की वृद्धि होती हैै, उनका कल्याण होता है l तपस्या जीवन का एक अभिन्न अंग है l मनुष्य को तपस्या करना चाहिए l इसीलिए हम यह तपस्या कर रहे हो l देवराज इंद्र  के द्वारा भेजी हुई अप्सराओं  ने अप्सरा उर्वशी को लेकर देवराज इंद्र के पास गई और भगवान नारायण के द्वारा कही हुई बात को उन्होंने कह दिया l तब नारायण मुनि की महानता को देखकर देवराज चकित हुए और उन्हें अपनी गलती का पश्चाताप हुआ l 



 भगवान श्री कृष्ण के पास अनंत शक्तियां हैं l उन सभी शक्तियों का वर्णन किसी भी एक किताब के द्वारा नहीं किया जा सकता l लेकिन ऋषि-मुनियों ने भक्त और भगवान के बीच में संबंध स्थापित करने के लिए और भक्तों को समझाने हेतु भगवान की कई सारी शक्तियों का वर्णन किया है l भगवान के पास  सोलह कलाएं है l  भगवान की एक शक्ति है का नाम है सृजन शक्ति l सिर्फ अपनी इच्छा शक्ति के द्वारा ही सारे सारे के सारे ब्रह्मांड का सृजन कर सकते हैं l


                                दिव्यास्त्र
                           सुदर्शन  चक्र   
                    Sudarshan chakra

 भगवान के कई सारे दिव्यास्त्र हैं l उनमें सबसे खतरनाक और सबसे भयंकर दिव्यास्त्र सुदर्शन  चक्र को कहा गया है l सुदर्शन चक्र बहुत ही भयंकर ज्वाला और अग्नि से युक्त होता है l सुदर्शन चक्र के अंदर से बहुत ही भीषण अग्नि निकलती है l लेकिन यह अग्नि सिर्फ दुष्टों का संहार करने के समय में ही प्रकट होती है l भयंकर जलाएं और भयंकर अग्नि चक्र के अंदर से बाहर की ओर निकलती है l 
 जब भगवान के भक्तों के पास सुदर्शन चक्र जाता है, (उनकी रक्षा हेतु) तब उस समय इस सुदर्शन चक्र से किसी प्रकार की ज्वाला और अग्नि नहीं निकलती है l किसी भी प्रकार का गर्मी महसूस नहीं होता है l यह भगवान के भक्तों को शीतलता प्रदान करता है l जो लोग भगवान का हमेशा ध्यान और चिंतन करते हैं, भगवान उनकी रक्षा के लिए अपने सुदर्शन चक्र को हमेशा छोड़ देते हैं l सुदर्शन चक्र भगवान के भक्तों को कष्ट पहुंचाने वाले दुष्टों का संहार करने में पूर्णतया  समर्थ होता है l सुदर्शन चक्र हमेशा भगवान के भक्तों की रक्षा के लिए तत्पर रहता है l

यह भगवान की तर्जनी उंगली में स्थित होता है और भगवान की इच्छा से अत्यंत तेज भी चलता है और जरूरत पड़ने पर धीमा भी पड़ जाता है l भगवान की शत्रु का संहार कर डालता है|
इसका संहार करने की क्षमता का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह चक्र चाहे तो ही क्षण में कई सारे असुरों का वध कर सकता है | 

                 सुदर्शन  चक्र  की महिमा

 भागवत पुराण के अनुसार एक बार दुर्वासा मुनि महाराज महाराज अंबरीष से मिलने के लिए आए  l महाराज अंबरीष भगवान श्री हरि के अनन्य भक्त थे l भगवान श्री हरि का वह हर एक एकादशी व्रत करते थे l महाराज अंबरीष ने दुर्वासा मुनि को भोजन करने के लिए कहा l दुर्वासा मुनि ने कहा कि वे स्नान करने के पश्चात जलपान ग्रहण कर सकते हैं l दुर्वासा मुनि स्नान करने के लिए नदी के तट पर चले गए l दुर्वासा मुनि वहां पर जाने के पश्चात ध्यान के अंदर चले गए l समाधि करने लग गए और उन्हें यह ध्यान भी नहीं रहा कि उन्हें जलपान करने के लिए महाराज अंबरीष के पास जाना है l इधर महाराज  का एकादशी व्रत का पारण का समय समाप्त होने वाला था l
 महाराज ने मुनि से पूछा कि उन्हें क्या करना चाहिए l मुनि ने विचार करके कहा - तुलसी का जल पी लेने मात्र से पारण हो सकता है l और उन्हें किसी भी प्रकार का पाप नहीं लगेगा l फिर महाराज अंबरीष ने तुलसी का जल पी लिया और तुलसी का जल पीकर उन्होंने पारण कर लिया l तब अचानक दुर्वासा मुनि वहां पर आ गए और उन्होंने देखा कि अब महाराज ने जलपान कर लिया हैै l  वह अत्यंत दुखी हुए और उन्होंने क्रोध में भरकर अपनी जटाओं से एक शिखा को उखाड़ लिया l उसे जमीन पर दे मारा l उस जटा से वहां पर एक भयंकर ज्वाला उत्पन्न हो गई l वह ज्वाला महाराज अंबरीष  मारने के लिए तत्पर हो गई l आगे बढ़ने लग गई l तब अचानक भगवान श्री हरि का जो सुदर्शन चक्र है , वह प्रकट हो गया l सुदर्शन चक्र ने उस भयंकर ज्वाला को शांत कर दिया l उसके पश्चात  सुदर्शन चक्र दुर्वासा मुनि को मारने के लिए उद्धत हो गया l दुर्वासा मुनि को अपने प्राण संकट में जान पड़े l वह अपने प्राणों की रक्षा के लिए इंद्रलोक जाने लग गए l स्वर्ग लोक को चले गए l स्वर्ग लोक में जाने के पश्चात देवराज इंद्र से प्रार्थना की l देवराज इंद्र ने अपनी असमर्थता प्रकट की l दुर्वासा मुनि ब्रह्म लोक को गए l ब्रह्मलोक मे ब्रह्मा जी ने मना कर दिया l फिर उसके पश्चात कैलाश पर्वत पर गए l
उसके पश्चात दुर्वासा मुनि वैकुंठ लोक में भगवान श्री हरि के पास गए थे l भगवान श्री हरि ने कहा कि मैं आपका कोई भी कार्य नहीं कर सकता क्योंकि मैं भक्तों के अधीन हूं l मुझे लक्ष्मी,  वैकुंठ अत्यंत प्रिय नहीं है l मुझे मेरा भक्त प्रिय है l तब दुर्वाषा मुनि वापस महाराजा के पास आए और उन्होंने उससे  माफी मांगा l महाराजा ने माफ कर दिया l


       

                          गुंडिचा मन्दिर


गुंडिचा मन्दिर भगवान जगन्नाथ के मंदिर से 3 किलोमीटर दूर स्थित है l माता गुंडिचा जी भगवान जगन्नाथ को पुत्र के समान प्रेम करती हैं | भगवान माता गुंडिचा से मिलने के लिए जाते हैं और वहां पर 9 दिनों के लिए ठहरते हैं l भगवान जगन्नाथ, भगवान बलराम और  भगवती सुभद्रा माता गुंडिचा जी  को  सुख प्रदान करते हैं l 9 दिनों के पश्चात भगवान वापस अपने मंदिर को आते हैं l उस समय माता लक्ष्मी भगवान के रथ का एक पहिया तोड़ देती हैं और चली आती है | उस समय माता लक्ष्मी को क्रोध आता है, इसीलिए उसी को दर्शन कराने हेतु किया जाता है l

Gundicha Temple is located 3 km away from the temple of Lord Jagannath. Mata Gundicha ji loves Lord Jagannath like a son. Lord Mata goes to meet Gundichaal and stays there for 9 days. Lord Jagannath, Lord Balarama and Bhagwati Subhadra provide happiness to Mata Gundicha ji. After 9 days the Lord comes back to his temple. Mother Lakshmi breaks a wheel of the chariot of God and walks away. At that time Mata Lakshmi gets angry, that's why it is done to have her darshan.

              Infinite names of Shri Krishna


Lord Shri Krishna has infinite names. And Anant names also mean infinite. One of the names of God is Vasudev. Vasudev means the one whose body contains crores and crores of universes. Another name of God is Sankarshana. Sankarsana means the one who holds the whole universe on his head.

Lord Krishna is another name - Aniruddha. In the Mahabharata, Aniruddha is described as the form of God from whom Brahma was born.
            
                     श्री कृष्ण के अनंत नाम

 भगवान श्री कृष्ण के अनंत नाम है l और अनंत नामों का मतलब भी अनंत है l भगवान के  नामों में से एक नाम है वासुदेव l वासुदेव का मतलब है, जिसके शरीर के  रोए में करोड़ों करोड़ों ब्रह्मांड समाए हो l  भगवान का दूसरा नाम है संकर्षण l संकर्षण का मतलब है  -  पूरे ब्रह्मांड को अपने  मस्तक पर धारण करने वाले l 

 भगवान कृष्ण दूसरा नाम है  - अनिरुद्ध l महाभारत में अनिरुद्ध को भगवान का वह रूप बताए गया है, जिससे  ब्रह्मा उत्पन्न हुआ l इसका मतलब है सारा का सारा ब्रह्मांड भगवान कृष्ण के अनिरुद्ध रूप से उत्पन्न हुआ |


 भगवान श्री कृष्ण का अगला नाम है - नारायण l नारायण का अर्थ होता है जो ब्रह्मांड के समाप्त हो जाने
 पर भी स्थित रहे, उसी को नारायण कहते हैं l भगवान श्री कृष्ण का अगला नाम है - शेष l


भगवान नारायण शेषनाग की शय्या पर शयन करते हैं, इसलिए उनका एक  नाम है - शेष l
भगवान श्री कृष्ण का अगला नाम है - अच्युत l
 भगवान श्री कृष्ण के अंदर जितने भी गुण है, वह हमेशा सदैव रहते हैं l इसीलिए उनका दूसरा नाम है - अच्युत l भगवान श्री कृष्ण कभी भी अपने पद से नहीं गिरते हैं l 

The next name of Lord Shri Krishna is Narayan. Narayan means the one who remains situated even after the end of the universe, he is called Narayan. 
The next name of Lord Shri Krishna is Shesh. Lord Narayan He sleeps on the bed of Sheshnag, that's why his one name is Shesha. Another name is Achyut. Lord Shri Krishna never falls from his position.




            Happy Birthday to you

It is told In the Caitanya Charitamrita, every living organisms in this world is a devotee of the Lord Krishna. The real  spiritual master is a direct link between the devotee and the Supreme Lord. IT is said that although  today world is full of unpleasant things. But the devotee who wants to progress spiritually must be firmly convinced of this fact.

 कुछ अमूल्य चिन्ह देखकर भगवान प्रकट होते हैं। कई प्रकार के पुराणों और पुस्तकों ने समझाया कि श्री कृष्ण स्वयं भगवान हैं। भक्तों की सिद्धि के लिए भगवान मनुष्य लोक में आते हैं। भगवान श्री कृष्ण हमेशा भक्तों की मनोकामना पूरी करते थे और लीलावैचार्य के माध्यम से भक्तों को सुख देते थे। भगवान श्री कृष्ण विभिन्न प्रकार के लीलावैचित्र्य दिखाते हैं जो भक्तों और ऋषियों के दिल को छूते हैं। अपने प्रिय रिश्तेदारों के प्यार की पूर्ति के लिए श्री कृष्ण कई लीलाएँ करते थे। भगवान श्रीकृष्ण के चरण कमलों में सोलह चिह्न हैं। भगवान श्रीकृष्ण के अद्भुत कमल चरणों में ध्वज, छंद, अंकुश, यव, स्वस्तिक, उद्ध' रेखा और अष्टकोणीय, इंद्रधनुष, त्रिकोण, अर्धचंद्र, आकाश, मछली और गोशपद के प्रतीक शामिल हैं। 
अंतिम शेष चिन्ह एक जामुन के आकार का है।

Shailendra  posted in Spiritual

Post updated on:  Oct 6, 2021 1:40:26 AM

Top countries are trying to make a healthy and nice environment for human being. For this purpose, many resources are going through and many are under expert. Many types of the experimental procedures have been conducted by the developed countries of the world. Today the whole world is looking like a small family. The people are enjoying their life using these technologies given by the scientists. There are numerous technologies which is helpful for the humanity. Today the desable person is not criticizing their life. They are using technology or the devices developed by the science. For example, if a man is not able to hear with his own ear. He or she can use 
Hearing device for this purpose. The  neck of human  being has a hard bulge which is situated near the larynx. Whenever the people eat something, it looks as it is shaking. This particular part of the human body is known as the vocal box. These two types of vocal cords of human being tries to make a narrow passage. When the man speak anything, the lungs which is having air in it, puss the air out through the narrow passage, Due to which the vocal cords start vibrating. This gives sound. So by opening the vocal box it possible to produce sound. People wants to get better income and better life standard. And so they are using technology more and more. The artificial intelligence is a technic through which the man can easily insert the intelligence in the robot🤖🤖.




The robot known as Sophia is a robot using artificial intelligence and it can show love or the other human feeling like laughing and sad. The robot is able to make food for another man. This is not avilable for common people.  But in future it may be available for people for their personal uses.

Basically the whole world is looking for further development. For example, the development of the country depends upon the lifestyle of the citizens as well as the the attacking power of the relative country.
If the country is not able to make a environment for the citizens to feel that the government is able to provide protection from enemies, then this is a big failure of the govering government. So, the country has designed several companies to work on artificial intelligence. The pressure of the government on the companies is  to develop a machine that can perform various works on time, as Well as the machine will become a better decisions maker. Today enemies countries are  trying to get better income and better defence system. In this direction, several types of experts are doing great to fulfill the needs and requirements of the government and civil services. Generally the Thinking of people is that the materials management can be done by the human body only. But there are several examples, where the robot were used in the critical situations. Such as in hospital, the robot were used for taking care of the patients.



Shailendra  posted in Science

Post updated on:  Oct 3, 2021 10:51:39 AM

            
Bhagwan Shri Ram came to meet his devotees in Treta Yug. He wants to give  love to his devotees and punish the bad people for their respective deeds. Lord Shree Ram is always ready to protect his devotees. Lord Shree Ram  is present everywhere, in every circumstance, at all times, at all times.  Lord Shree Ram  is present everywhere by the all-pervading power.  Lord Shree Ram can perform every task. Lord Shree Ram  is known for his supernatural power. Parabrahma means the divine Supreme Soul who resides in all living beings and provides protection to all living beings. Brahma can come anywhere. Brahma can touch anyone without hands. Brahma can go anywhere without feet. Brahma can move from one place to another while sitting. Lord Shree Ram had stopped the injustice happening inside Hastinapur even though he was situated in Dwarka. Lord Shree Ram as Shri Krishna had protected Queen Draupadi from divine powers. It means that Shree Ram ji is always present for protecting the devotees in all four yuga, name as Satya Yuga, Treta Yuga, Dwapara Yuga, Kalyug. 

                       There are several times when the people see the point where they have no answer. Today the whole world is looking for more and more technology. But still the scientific methods are not fit at several points. Similarly the Ram Setu is the best way for considering the construction. There are four eras on the earth, namely, Satya Yuga, Treta Yuga, Dwapara Yuga, Kalyug. Among these four Yugas, the most sacred age is called Satya Yuga. 

                      After Satya Yuga, there comes the time of Treta Yuga. In Treta Yuga, Lord Krishna comes to the world in the form of Lord Ram. The time when Shree Ram was going to attack on Sri Lanka, there was a problem. The problem was a sea. To cross the sea, there needs a SETU. When Vibhishana joined Ram, the Ramdal's power increases. There were two monkeys named as Nal and Neel in Sugriva's army. They help Lord to make Setu.

                    Although there were several types of monkeys were trying to make Ram Setu. Loard Ram saw that a small squirrel was also trying to make Setu by putting sand in his mouth and pouring it into the sea. Ram was very happy by seeing the squirrel. Lord knew the feelings of the squirrel. The squirrel could not speak.




Ram is basically famous as a king having several types of good qualities and good habits.Shabari was a real devotee. She waited for Long time to see Ram.
Shabari always used to put flowers on the road so that if there is Ram, he could easily walk on it. When Ram came near to lady.
He came to know that She was Bhilani. And she belonged to low caste. Shabari welcomed Ram. The hut was in forest where Muni Matang lived. There were plum trees in forest. She gave berry to Ram. He ate sweet berry.

Maharishi Valmiki was the Muni who helped Mata Sita. Ramayan is written by the great Maharishi called as Maharishi Valmiki. Lord Ram used to work as the people of Ayodhya wishes.  Lord Ram announced that he will  not accept Sita.

Shailendra  posted in Spiritual

Post updated on:  Oct 3, 2021 12:11:50 AM

In order to get better understanding about the pollution, one should know about the pure form of any natural thing. In the environment, there are plenty of natural things, such as the air, water and soil. These are the resources which are given by nature as a precious gift to humanity. These things should be handled carefully.

 Pollution means the mixing of impurities with the natural things. In other words, it can explained as the contamination of the  pure form of natural resources with the impurities.

These are the  major types of pollution - 

1) Air pollution 
2) Water pollution
3) Soil pollution
4) Noise pollution

1) Air pollution - The mixing of pure air with pollutant and harmful gases, is called as the air pollution.

2) Water pollution - The mixing up of the pure form of water and the impurities, is called as a water pollution.

3) Soil pollution - The mixing up of the pure form of soil and the impurities is known as the soil pollution.

4) Noise pollution - The people wants to listen the pleasent sounds. The mixing up of the unpleasant sound like sound of vehicle, with the natural pure pleasent sounds.

Answer to Questions asked by reader -

1) What is the suspended particles?

Ans- The suspended particles are the particles which don't have more density. The particles which don't get settled down to the floor easily.

2) What is the waste management ?

Ans - The process by which the waste materials can easily decomposes, is called waste management. There several ways to complete it.

2) What is the effect of noise pollution  ? How to control it ?
Ans - The effects of noise pollution are -
(1) The man can loose his hearing power due to loud sound.
(2) It may cause to loss of life due to regular noise.

It can be controlled by stopping the source of production of sound. If it is not possible to stop it, then use cotton to close ear nicely or use headphones 🎧🎧🎧.

These  are the causes of the water pollution -

1) The waste materials of the industry are used to be thrown in the river.
2) The dead bodies are generally thrown in the river.
3) In the village, the people used to take bath in the river, this cause the river to become unfit for drinking purposes.
4) In the village, the people used to wash their animals in the river.



The preventing methods used to prevent the water pollution-
1) The waste materials of the industry  should not  be thrown in the river.
2) The dead bodies should not be thrown in the river.
3) In the village, the people should not take bath in the river as this cause the river to become unfit for drinking purposes.
4) In the village, the people should not wash their animals in the river.
5) The people should not throw plastic in the river.

The influences of the water pollution are following -
1) Drinking water become unfit for drinking purposes.
2) The people will become ill due to the polluted water.
3) The people will become unfit for working purposes.


Acid Rain -

The air pollutants is the reason for the acid rain. It is argued that the air pollution is increasing day by day. That's why we have to be aware of the consequences of the Air pollution. One of the consequences of the Air pollution is known as the acid rain. What is the meaning of the acid rain in term of the chemical composition. Basically the acid rain is composed of the sulfur and nitrogen gas. These gases are mainly coming into the environment by the combustion of substance basically made-up of sulfur and nitrogen.



Shailendra  posted in Science

Post updated on:  Oct 2, 2021 1:50:22 PM

What is the meaning of combustion?

Combustion is the process of burning of any thing in presence of oxygen.

What are the essential things for the combustion?

The essential things for the combustion are following -
1) the thing that should burn.
2) the ignition temperature of the body should be achieved.
3) supporter of the combustion.

Combustion and necessary condition

There are three major types of flame of the candle.

1) Inner zone
2) Middle zone
3) Outermost zone

Various types of zones of  flame of candle


दहन का क्या अर्थ है?

ऑक्सीजन की उपस्थिति में किसी भी वस्तु के जलने की प्रक्रिया दहन है। 

दहन के लिए आवश्यक चीजें क्या हैं?

दहन के लिए आवश्यक चीजें हैं -
1) वह चीज जो जलनी चाहिए।
2) शरीर के ज्वलन तापमान को प्राप्त किया जाना चाहिए l

What is the meaning of ignition temperature of combustion?

The lowest  temperature which is essential for the combustion of the body, is called as the ignition temperature of the body.

There are three types of combustion -

1) Spontaneous combustion
2) Rapid combustion
3) Explosion combustion

दहन के प्रज्वलन तापमान का क्या अर्थ है? 

शरीर के दहन के लिए आवश्यक न्यूनतम तापमान को शरीर का प्रज्वलन तापमान कहा जाता है। 

तीन प्रकार के होते हैं दहन 
१) स्वतःस्फूर्त दहन
२) तीव्र दहन
३) विस्फोट

What is the luminous zone of the flame?

 It is the outermost part of the flame. In this zone, the flame occurs really. This is the region where the combustion take place at the large amount. This region of the flame is yellow in colour and this is not blue in colour.

Rapid combustion - The combustion which takes place at a high speed, and provide heat energy and light energy, that combustion is called rapid combustion.

Spontaneous combustion - Spontaneous combustion is the combustion in which the combustion takes place for small timing.

Explosion combustion - The combustion in which the combustion takes places very fastly. Such type of the combustion takes place in case of burning of crackers.

The principles of the fire extinguishers are following -

1) The combustible thing that is burning, should be removed from the place of combustion. 
2) the ignition temperature of the body should be lowered.
3) supporter of the combustion should be covered by anything correctly.

The working of the fire extinguishers is to cover the area to stop fire. Carbon dioxide is used to stop burning of the things. Basically the combustible materials is covered wholly by carbon dioxide. The carbon dioxide is a gas which don't support the combustion. So, to Stop combustion, carbon dioxide is used in fire extinguisher.

Shailendra  posted in Science

Post updated on:  Sep 30, 2021 9:07:03 PM

The popular festival of the Hindu community is Krishna Janmashtami celebrations. It is known as the day when Lord Krishna comes to the earth. It is the best time for the devotees to interact with the God, who worship their God without wishing anything. Generally according to the Vedas, the devotee who worship God without wishing anything, are the real devotees. The devotees of lord Krishna celebrate  Janmashtami with great enthusiasm. They try to attract their lord by doing various types of work. 



The steps to present love infront of Krishna- 
There are several ways to present love to Krishna. The best and cheapest way is to put leafs of  Tulsi plant infront of Krishna.
The other forms of presentation depends on you. Some of them are illustrated here.

1) Dress up Krishna according to the  season.
2) Put sweets and beautiful flowers in front of Krishna.
3) Sing bhajans in front of Krishna.


 
           Child with dressed up as Krishna


On Monday, the dress colour should be cream colour.
On Tuesday, the dress colour should be red colour.
On Wednesday, the dress colour should be Green colour.
On Thursday, the dress colour should be yellow colour.
On Friday, the dress colour should be bright white colour.
On Saturday, the dress colour should be blue colour.
On Sunday, the dress colour should be Pink colour.

Dress - 



























There are several ways to show love towards lord. The devotees used to put lovley Krishna on palki.





हिंदू समुदाय का लोकप्रिय त्योहार कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव है। इसे उस दिन के रूप में जाना जाता है, जब भगवान कृष्ण पृथ्वी पर आते हैं । भक्तों के लिए भगवान के साथ बातचीत करने का यह सबसे अच्छा समय है, जो बिना किसी इच्छा के अपने भगवान की पूजा करते हैं।





 आमतौर पर वेदों के अनुसार, जो भक्त बिना किसी इच्छा के भगवान की पूजा करते हैं, वही सच्चे भक्त होते हैं। भगवान कृष्ण के भक्त जन्माष्टमी को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। 




वे तरह-तरह के काम करके अपने स्वामी को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।

It is said that Shri Krishna and Arjuna are ignorant of ordinary human beings.
It is mentioned in the Mahabharata that only male sages could kill Karan. Arjun himself was a male sage. He killed him. Before the war of Mahabharata, Muni Ved Vyas himself had to warn King Dhritarashtra.  
Arjun had devoted his life to  lord Krishna for devotional service. Therefore Krishna showed him the real facts about the world.



भगवान श्री कृष्ण के अनंत नाम है l भगवान श्री कृष्ण का नाम है - नारायण l नारायण का अर्थ होता है जो ब्रह्मांड के समाप्त हो जाने पर भी स्थित रहे l  


 
भगवान के  नामों में से एक नाम है वासुदेव l वासुदेव का मतलब है, जिसके शरीर के  रोए में करोड़ों करोड़ों ब्रह्मांड समाए हो l  भगवान का दूसरा नाम है संकर्षण l संकर्षण का मतलब है  -  पूरे ब्रह्मांड को अपने  मस्तक पर धारण करने वाले l 
भगवान श्री कृष्ण का अगला नाम है - शेष l भगवान कृष्ण दूसरा नाम है  - अनिरुद्ध l महाभारत में अनिरुद्ध को भगवान का वह रूप बताए गया है, जिससे  ब्रह्मा उत्पन्न हुआ l इसका मतलब है सारा का सारा ब्रह्मांड भगवान कृष्ण के अनिरुद्ध रूप से उत्पन्न हुआ | 

Shailendra  posted in Others

Post updated on:  Sep 29, 2021 9:12:22 AM


The earth is covered by various types of the plants. These are the foundation of the life on the earth. There are several types of the plants. Some of them are used in medical industry, some of them are used in beuty industry, some of them are used in food industries. The link between the human being and environment is plant. This is the only link which helps to sustain life on the earth.

                       There are many kinds of plants on the earth.  Some of them are  small, some of them are big, some  of them are just equal to the hight of the man. The colour of the plants are also different from each other. Some of the plants are red in colour, some of the plants are yellow in colour.  

                         On the basis of the height of the plants, the plants are classified in three major groups.

These are trees, herbs and shrubs, climbers and creepers. The trees are the plants which are having longest height. These plants have thick stem. Example of the trees are Mango and coconut etc.

     





            
 Shrubs are the plants which is not having much height as the trees have. These are the plants having less height. Rose, Tulsi etc.















Herbs are the plants which is not having much height as the Shrubs have. These are the plants having less height. Wheat, Rice, onion, coriander etc.

Climbers

          There are several types of plants. Some of the plants are with weak stem. They generally take support of neighbouring trees to climb. These type of plants are called climbers. eg. Pea, Moneyplant.



Creepers -

There are several types of plants in which the stem is very weak. Such plants with weak stem, they cannot stand upright. These plants spread on the ground are called creepers. Example of such plants is cucumber etc.





There are several types of good uses of the plants. Plant provide us various types of the things.

1) The plants give us timber for furniture, bridges.
2) The plant give us paper. The bamboo and grass are used for making papers.
3) Some plants are used as medicine in diseases like cold. Example Tulsi, Lemongrass, and Neem.
4) Some plants used to increase taste of food. Example - Cumin, Clove.
5) Plants give oxygen during photosynthesis which is used by human being.

Technology of hybridisation - Technology is used for making the new plant. The technology is known as hybridisation.

There are two types of system in the plants. First one is the root system and second one is stem system.

Root system in the plants -



There are two types of the root system of the  plants. Tap root .





Stem system of the plants - 
The upper part of the plants are known as the stem system of the plants. These contain the following parts - seed, flower, leaves, fruit of the plants.

   


Leaf system in the plants - 
The important parts of the leaves of the plants are midrib, vein, parellel venination.


Flower



Leaf

Germination in the Seeds -


Weeds



Some of the plants grow in water are called as aquatic plant. Example - Lotus etc.

Shailendra  posted in Science

Post updated on:  Sep 24, 2021 2:57:10 AM

Nature has provided us pure form of materials such water, air and soil . But the human beings are spoiling the pure air and water and soil. Due to people ignorance, the natural pure things are getting more polluted day by day. Pollution is explained as the joining of impurities with the  things made by the nature, not by the science or man.  In other words, it can explained as the contamination of the  pure form of natural resources with the impurities. These are the  major types of pollution are Air pollution, Water pollution, Soil pollution And Noise pollution.

Air pollution - The mixing of pure air with pollutant and harmful gases, is called as the air pollution. The air pollutants is the reason for the acid rain. It is argued that the air pollution is increasing day by day. 







There are several types of Side effects  due to the air Pollution. 
1) Respiratory diseases are produced by the Air pollution.
2) High level of the Air pollutants cause the headache and pulmonary problems.
3) These are common in people living in the big city like Delhi. 
4) The people face high blood pressure in the heart due to the low availability of pure form of air. 
5) The person can die due to the high availability of Carbon dioxide in a closed room.

Consequences of the Air pollution- 

That's why we have to be aware of the consequences of the Air pollution. One of the consequences of the Air pollution is known as the acid rain. What is the meaning of the acid rain in term of the chemical composition. Basically the acid rain is composed of the sulfur and nitrogen gas. These gases are mainly coming into the environment by the combustion of substance basically made-up of sulfur and nitrogen.



These are the following methods to Control Air Pollution -

We can control the air pollution by performing the following ways. 

1)The people should increase the use of sources of energy which are environment-friendly, such as wind energy and solar energy.
2) We should not burn the plastic material and dry leaves.
3) The people should increase the use of the other form of energy such as LPG.
4) The people should not encourage the person who is burning crackers.
5) The people should encourage odd and even methods for vehicles, so that the people who are enjoying or wondering unnessessarly, can controlled.

Shailendra  posted in Science

Post updated on:  Sep 21, 2021 11:27:37 AM

Biodiesel can be used as fuel in the vehicle nowadays.
  
                 There are the various changes that are required for the engine to give best  performance.

The setup should also consists of  manometer, fuel unit, transmitter for air.  There should be a engine that is consist of the one cylinder and four stroke  diesel engine.Also  They should be connected to the dynamometer for getting information about loading. There should be water cooling jacket.

The diesel can be used as the fuel. There are two types of emission measuring equipment - smoke metre and exhaust gas analyser. Both can be used for calculating and analysing the information of exhaust gases of the engine.

 Engine performance evaluation - 


The single cylinder diesel engine can be used for the experimental purpose  and the fuel can be supplied to the engine from an outside tank. The collection of data of the power break and fuel flow can be calculated in gap of 3 to 5 minutes.

  The test should be done for finding the engine speed, break power, torque and fuel flow by the help of various Apparatus. During the test the load was varied  from 0 to 12 kg by adjusting the load knob provided on the control panel of the test rig.
                      The performance of the engine is calculated by considering the load as well as the consumption of the fuel simultaneously.  The performance of the engine is determined by the explanation of the torque and loads.

 The following things should be known to the Automobile Engineer before tips using the engine. The cylinder bore is the internal diameter of the cylinder that is under the use.  Piston area is the area that is equal to the area of circle of diameters equal to cylinder bore.

                     The release of the various types of gases like Carbon dioxide, dust particles, nitrogen dioxide and carbon monoxide, illustrates the exhaust system of the engine. The particulates are very serious dangerous materials to the environment.



For finding the Torque, 

Torque= load * arm length

Load should be in Newton and arm length should be in the cm.  First the details of the loading and volume of diesel should be careful calculated by the engine.

Shailendra  posted in Technical

Post updated on:  Sep 11, 2021 9:45:39 PM

Light is the form of energy which helps the person to see anything correctly. Light is used to travel in straight line. The sound acts as the waves. It can change it's way.  Nothing has higher speed that that of the speed of the light. The light has highest value in case of its speed.

The light can easily move in straight line, it is not possible for light to move in curve path .




Reflection - When the light falls on the surface of the body, then the angle of incidence and the angle of reflection are equal to each other.

Refraction -  The process of the deviation of the light from the straight path, is called as a refraction. 




Many people wants to know how it is possible for us to see the object. When the light is coming from the source of light, it goes to the body. Light comes from  that object enters into our eyes.  Then the eye sees an body. Luminous bodies are the body which emits light. Sun is called as the luminous bodies. The non-luminous bodies are the  bodies which do not emit light themselves. Table, book are called as the non- luminous bodies.  A bright body is visible to the observer of the light, when the light of the  body is incident on it and from there the light reaches eyes. 



Shailendra  posted in Science

Post updated on:  Sep 8, 2021 10:07:48 PM

When we apply the hammer on the nail, then the nail go inside the surface of the wood. But if the nail has not sharp edge at its front point, then the nail will not go inside the wood fastly. If the nail has the sharp edge on the front point, then the nail will go inside the wood very quickly. This implies that the surface of contact would determine magnitude of the force.  The pressure on the surface will decrease if the surface of contact increases. 

                   If the pressure has to be decreased, then the surface under the contact should be decreased. The place where the purpose is to decrease the pressure, the person should increase the area of contact. If the person want to increase the pressure, then the area of contact between the two surfaces should be decreased.


जब हम हथौड़े को कील पर लगाते हैं तो कील लकड़ी की सतह के अंदर चली जाती है। लेकिन अगर कील के सामने वाले हिस्से में तेज धार न हो तो कील जल्दी लकड़ी के अंदर नहीं जाएगी। अगर कील के सामने वाले हिस्से पर नुकीला धार है तो कील बहुत जल्दी लकड़ी के अंदर चली जाएगी। इसका तात्पर्य यह है कि संपर्क की सतह बल के परिमाण को निर्धारित करेगी। संपर्क की सतह बढ़ने पर सतह पर दबाव कम हो जाएगा। यदि दबाव कम करना है, तो संपर्क के नीचे की सतह को कम किया जाना चाहिए। जिस स्थान पर दबाव कम करने का उद्देश्य हो, उस स्थान पर व्यक्ति को संपर्क का क्षेत्र बढ़ाना चाहिए। यदि व्यक्ति दबाव बढ़ाना चाहता है, तो दोनों सतहों के बीच संपर्क का क्षेत्र कम होना चाहिए।

Pressure is directly proportional to the force applied to the body. It is inversely proportional to the cross sectional area of the body.

 Force = pressure*area



Questions asked by reader -

What is the unit of pressure ?

Unit of pressure = Pascal








Shailendra  posted in Science

Post updated on:  Sep 6, 2021 7:09:06 PM

 भगवान श्री कृष्ण की अद्भुत कई सारी लीलाएं है l उनका भक्तों के साथ  प्रेम भरा संबंध दिखता है l भक्त भगवान को अपने इच्छा अनुसार कुछ भी काम करवा लेता है l यह बात बहुत ही अजीब लग रही है l पर यह सच है कि भगवान श्री कृष्ण अपने भक्त के वश में है l 
श्री कृष्ण और राधा जी की भक्ति में लीन एक भक्त थे उनका नाम था - हरिदास ठाकुर l उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की वृंदावन में बहुत ही प्रेम भक्ति  की थी l
भगवान उनकी भक्ति भरे गाने को सुनकर प्रकट हो जाते l    एक बार कलयुग के लोगों के बारे में सोच कर उनके भक्त दुखी हो, उन्होंने सोचा कि कलयुग के लोग भगवान का भजन और पूजा अच्छे से नहीं कर पाएंगे l सभी लोग दूषित हो जाएंगे l सभी लोगों का मन और बुद्धि कमजोर हो जाएगा l मन बहुत ही चंचल हो जाएगा l कलयुग में  
जीवो द्वारा पाप बहुत ज्यादा होगा l आपने धाम ले जाने के लिए भगवान को कृपा करनी चाहिए l

इसके लिए उन्होंने भगवान के सामने शर्त रखी -  हे भगवान, आप कृपया करके कलयुग के जीवो के उद्धार के लिए श्री बांके बिहारी के रूप में प्रकट  हो l भगवान अपने भक्तों की किसी भी बात को टाल नहीं सकते l






Shailendra  posted in Science

Post updated on:  Sep 5, 2021 3:21:42 AM

Force -
Force is the external affair that tries to elongate or deminise the beam.
It is the only thing that tries to bring some desirable or undesirable change in the body. On accounting it's definition, it is the external means or agent responsible for deformation of the body. Force is expressed in terms of magnitude and direction. Generally the magnitude of force illustrates the details of damage to the area of the body, where the force is applied. The direction of the force awakens the way by which the body will deform.  

System of force -

1) Coplanar forces
2) Collinear forces
3) Parallel forces 
4) Non - Coplanar forces

Coplanar forces - If the line of action of two or more  forces are on the same plane then it is known as the Coplanar forces.


Collinear forces -  If the line of action of more than one force is on the same line, then that system of  forces is called Collinear forces.




Parallel forces -  If the line of action of two forces are parallel to each other, then there are known as parallel forces. 



There are two types of forces on the basis of contact between the two bodies - 

1) Contact force - The force which is produced due to  the surface between the two body, is called the contact force.

2) Non contact force - The force which is produced due to  the non - surface between the two body, is called the contact force.

These are the influences of the force  -

1) The man can easily change the direction of the body having some motion in it.
2) The man can stop the body by the application of the force on the body.
3) The force helps to change the speed of the body, which is having some motion in it.
4) The man can easily change the state of the body.

There are many more types of contact force  force -
1) Muscular force
2) Frictional forces 

There are many more types of non- contact force  force -
1) Gravitational force 
2) Magnetic forces 




Shailendra  posted in Others

Post updated on:  Aug 25, 2021 10:18:38 PM

Auto CAD is the way by which one can easily produced drawings. It is very helpful to produce the various types of drawing without any doing actual drawing on the paper. There are several types of features of drawing present in AutoCAD software.

The main remarkable facts about the AutoCAD software is that it can be used to make diagram of body in 2D.

Advantage of Auto Cad over the sketch or drawing on paper -

1) The drawing on paper take time to get completed. But on AutoCAD, the user can easily draw the diagram.

2) There is an opportunity to edit the diagram very fastly and easily in case of AutoCAD. In concern of sketch, it is very laborious work. For any mistake, the user has to erase the diagram with rubber.

3) The user can easily send the diagram for any inspection using mail. But it is not possible to do this case of sketch.

Shailendra  posted in Technical

Post updated on:  Aug 24, 2021 7:44:14 PM

The engine is the foundation of the automobile industry.  The engine is the equipment used for deriving the mechanical energy from the heat energy produced by combustion of the fuel. 
In India, there are several types of engine. There are several ways of classifying the engine. Engine are using various types of thermodynamics cycles. 

On the basis of number of stroke, the IC engine can be classified into  3 types -
1) 2 stroke engine 
2) 4 stroke engine and
3)  six stroke engine. 

On the basis of the number of cylinder, the engine can be classified into the two types -
1) single cylinder engine and 
2) multi cylinder engine 

On the basis of arrangement of the cylinder, the engine can be classified into the three types -
 1)  horizontally placed IC engine 
2) vertically placed IC engine and
3)  inclined IC engine

 On the basis of operating cycle, the engine can be classified into the various groups.
 1) Otto cycle engine 
2) Diesel cycle engine 
3) Dual cycle engine 

On the basis of the fuel, engine can be classified into the various type - 
1) gas engine and
2)  petrol engine and 
3) oil engine

Two strokes engine and four stroke engine are used in various vehicle nowadays.
The setup should also consists of  manometer, fuel unit, transmitter for air. 

There should be a engine that is consist of the one cylinder and four stroke  diesel engine.Also  They should be connected to the dynamometer for getting information about loading. There should be water cooling jacket.

The diesel can be used as the fuel. There are two types of emission measuring equipment - smoke metre and exhaust gas analyser. Both can be used for calculating and analysing the information of exhaust gases of the engine. The single cylinder diesel engine can be used for the experimental purpose  and the fuel can be supplied to the engine from an outside tank. The collection of data of the power break and fuel flow can be calculated in gap of 3 to 5 minutes. The test should be done for finding the engine speed, break power, torque and fuel flow by the help of various Apparatus. During the test the load was varied  from 0 to 12 kg by adjusting the load knob provided on the control panel of the test rig.

The basic terminology used in IC engine are as follows -

Cylindrical bore - It is the inner diameter of the area where the piston is sliding.

Piston area - It is the area of circle of radius equal to the half of cylindrical bore.

Stroke - It is difference between the two successive reversals of motion of piston.

Top dead Centre - Top dead Centre is the point where the Piston can move in inside the cylinder. Top dead Centre is the point which is nearer to the suction Valve.

Bottom dead Centre -  It is a point where the Piston can move and it is the nearest point to the crankshaft in the horizontal placed engine.



Engine is made up of various parts. Some of them, are illustrated here.
 Piston is box type shape, made up of alloys of iron.
Cylinder is consist of connecting rod, crankshaft and crank. Connecting rod connects the piston with the crankshaft. Piston moves from top dead centre to the bottom dead Centre.

There are four types of stroke of engine.
1) Suction Stroke
2) Compression Stroke
3) Expansion stroke
4) Exhaust stroke

1) Suction Stroke -

It is argued, that when the piston moves towards the crankshaft, there is vacant place inside the engine. The intel valve opens to take the fuel inside the engine. This is known as the Suction stroke.



2) Compression Stroke -

It is addressed that when the piston moves away from the crankshaft, there is no vacant place inside the engine. The outlet valve remains closed to compress the fuel inside the engine. This is known as the Compression stroke.



3) Expansion Stroke 




4) Exhaust Stroke 



                            Carburettor

It is argued, that the carburettor is used to mix the air with fuel nicely. The fuel entering inside the vehicle,  mixes with the air correctly inside the carburettor. It helps the fuel to burn wholly, without leaving any unburned fuel.

      
       


 Expansion Stroke 

This   is the only stroke which gives energy to the engine. The engine gets power from this stroke only. In this tpye of stroke, the engine gets power from the combustion of the fuel. 


Shailendra  posted in Technical

Post updated on:  Aug 19, 2021 2:14:53 PM

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