Tulsi Poojan Diwas: जानिए क्यों महत्वपूर्ण है तुलसी पूजन और क्या है इसका महत्व deepika singh Updated Sat, twenty five Dec 2021
तुलसी पूजन दिवस
हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए हिंदू धर्म के लोग तुलसी को माता का रूप मानकर उसकी पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। उस घर में रहने वालों को कोई संकट नहीं आते। स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में तुलसी के अनेक गुण के बारे में बताया गया हैं। यह बात कम लोग जानते हैं कि तुलसी परिवार में आने वाले संकट के बारे में सुखकर पहले संकेत दे देती हैं। शास्त्रों में यह बात भली प्रकार से उल्लेख है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है।
तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं है बल्कि धरा के लिए वरदान है। जिसके कारण इसे हिंदू धर्म में पूजनीय और औषधि तुल्य माना जाता है। तुलसी पूजन करने से न केवल चमत्कारिक लाभ मिलेगा बल्कि साथ ही लोगों को तुलसी से होने वाले लाभ का ज्ञान भी प्राप्त होता है।
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तुलसी पूजन दिवस, हर साल twenty five December को मनाया जाता है, तुलसी केवल एक पौधा नहीं बल्कि धरा के लिए वरदान है और इसी वजह से हिंदू धर्म में इसे पूज्यनीय माना गया है। आयुर्वेद में तुलसी को अमृत कहा गया है क्योंकि ये औषधि भी है और इसका नियमित उपयोग आपको उत्साहित, खुश और शांत रखता है। भगवान विष्णु की कोई भी पूजा बिना तुलसी के पूर्ण नहीं मानी जाती।
तुलसी पूजन दिवस
तुलसी से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं
कहते हैं कि भगवान श्री राम ने गोमती तट पर और वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण ने तुलसी लगायी थी। अशोक वाटिका में सीता जी ने रामजी की प्राप्ति के लिए तुलसी जी का मानस पूजन ध्यान किया था। हिमालय पर्वत पर पार्वती जी ने शंकर जी की प्राप्ति के लिए तुलसी का वृक्ष लगाया था।
एक मान्यता यह भी है कि लंकापति नरेश रावण के भाई विभीषण भी रोजाना तुलसी की पूजा करते थे। यही कारण था कि उनके महल में भी तुलसी का पौधा था। जब लंका दहन के समय हनुमान जी ने ये पौधा विभीषण के महल में देखा तो उन्होंने सिर्फ इस एक जगह को छोड़कर पूरी लंका में आग लगा दी थी।
तुलसी पूजन दिवस
तुलसी पूजा विधि
सुबह स्नान आदि से निवृत होकर तुलसी में लोटे से जल चढ़ाएं।
जल चढ़ने से पूर्व अक्षत, चंदन, रोली और अगर रोली न हो तो हल्दी को तुलसी के पौधे पर अर्पित करें।
आप अपनी सुविधानुसार 11, 21 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए।
इसके बाद तुलसी के पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें।
दिन ढलने के दौरान तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं।
ऐसा करने से घर में कलह-कलेश का वातावरण नहीं बनता और सुख समृद्धि आती है।
तुलसी पूजन दिवस
तुलसी पूजा से मिलते हैं अनेक लाभ
हिंदू धर्म में तुलसी अत्यंत पवित्र पौधों में से एक हैं। इसनकी प्रतिदिन पूजा अनिवार्य है, तुलसी पूजन करने और रोज तुलसी के दर्शन करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा हो वहां त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश विराजते हैं। घर में होने वाली हर पूजा में तुलसी का पत्ता जरूर शामिल करना चाहिए अन्यथा इससे देवताओं का आशीर्वाद नहीं मिलता।
तुलसी के पत्तों का उपयोग
गुणकारी तत्वों से भरपूर तुलसी के पत्तों का उपयोग कई तरह के इलाज में किया जाता है. इसकी एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल प्रॉपर्टीज इम्यूनिटी सिस्टम के लिए बेहतरीन मानी जाती है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि तुलसी के पत्तों की चाय रोजाना पीने से ना सिर्फ हमारी स्किन में निखार आता है, बल्कि ये एजिंग प्रोसेस की गति को भी धीमा करते हैं. आइए आज आपको खाली पेट तुलसी के पत्तों का सेवन करने के फायदे बताते हैं.
मेटाबॉलिज्म- तुलसी के पत्ते हमारे पेट के लिए बड़े फायदेमंद होते हैं और ये बड़ी तेजी से मेटाबॉलिज्म सिस्टम को दुरुस्त करते हैं. इसके अलावा, तुलसी के पत्ते गैस, एसिडिटी या विभिन्न प्रकार के डाइजेशन से जुड़े डिसॉर्डर में भी राहत देते हैं.
बॉडी डिटॉक्सीफिकेशन- तुलसी के पत्तों में बॉडी को डिटॉक्स करने की क्षमता होती है. इसके गुणकारी तत्व शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में बड़े उपयोगी होते हैं.
मुंह के बैक्टीरिया- क्या आप जानते हैं तुलसी के पत्ते मुंह में छिपे बैक्टीरिया का भी जड़ से सफाया कर सकते हैं. इसका सेवन करने के बाद आपको सांसों में ताजगी महसूस होगी.
खांसी-जुकाम- सर्दी के दिनों में खांसी-जुकाम की समस्या बहुत आम हो जाती है. ऐसी दिक्कत में भी तुलसी के पत्ते शरीर को राहत पहुंचाने का काम करते हैं और बीमारी से लड़ने में मददगार साबित होते हैं.
स्ट्रेस- तनाव यानी स्ट्रेस से जुड़ी समस्या में भी तुलसी के पत्ते कारगर माने जाते हैं. इसके पत्तों में मौजूद एडेप्टोजन मेंटल स्ट्रेस को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है.