CDS जनरल बिपिन रावत
CDS जनरल बिपिन रावत का आर्मी में ऐसा शानदार सफर रहा, नेशन फर्स्ट के साथ शीर्ष तक पहुंचे
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका समेत अन्य thirteen .
CDS General Bipin Rawat biography: देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका समेत कुल thirteen . पूरा देश इस हादसे से दुखी है. भारतीय वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य thirteen .
चीन और पाकिस्तान जैसे नापाक इरादे वाले पड़ोसियों से देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती के बीच भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत एक भरोसा का नाम है. कम समय में ही उन्होंने भारत की सैन्य तैयारियों को दुश्मनों से मुकाबले के लिए नई बुलंदियों पर पहुंचाया. आइए जानते हैं सीडीएस जनरल बिपिन रावत की जिंदगी के कुछ अहम पड़ावों के बारे में..
जनरल बिपिन रावत का जन्म sixteen sixteen 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक क्षत्रिय परिवार में हुआ. उनका परिवार चौहान राजपूत परिवार और उनकी मां परमार क्षत्रिय वंश से थीं. जनरल बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल रहे हैं. जनरल रावत ने 1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल की 5वीं बटालियन से अपना करियर शुरू किया था.
CDS जनरल बिपिन रावत का आर्मी में ऐसा शानदार सफर रहा, नेशन फर्स्ट के साथ शीर्ष तक पहुंचे
- देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल
-शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल
-भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से आर्मी की ट्रेनिंग पूरी की.
-राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (बीएससी)
- सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (एमफिल)
- अमेरिकी सेना कमान और जनरल स्टाफ कॉलेज (ILE)
- बिपिन रावत वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स भी किया.
- चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ ने पीएचडी उपाधि से सम्मानित किया.
- दिसंबर 1978 में बिपिन रावत कमीशन ऑफिसर बने.
- thirty one thirty one 2016 को जनरल रावत थलसेना प्रमुख बने.
- पूर्व आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत (61 साल की उम्र में को 2019 में देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाए गए.
पुरस्कार
- परम विशिष्ट सेवा मेडल
- उत्तम युद्ध सेवा मेडल
- अति विशिष्ट सेवा मेडल
- युद्ध सेवा पदक
- सेना पदक
- विशिष्ट सेवा पदक
पद और नियुक्ति की तारीख
- सेकंड लेफ्टिनेंट- sixteen sixteen 1978
- लेफ्टिनेंट- sixteen sixteen 1980
- कैप्टन -31 जुलाई 1984
- मेजर -16 दिसंबर 1989
- लेफ्टिनेंट कर्नल - 01 जून 1998
- कर्नल - 01 अगस्त 2003
- ब्रिगेडियर -01 अक्टूबर 2007
- मेजर जनरल -20 अक्टूबर 2011
- लेफ्टिनेंट जनरल- 01 जून 2014
- जनरल (सीओएएस). 1 January 2017
- सीडीएस - 30 December 2019
अपने चार दशकों की सेवा के दौरान जनरल रावत ने एक ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-सी) दक्षिणी कमान, सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड two, कर्नल सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिव के रूप में कार्य किया है. जूनियर कमांड विंग में सैन्य सचिव की शाखा और वरिष्ठ प्रशिक्षक. वह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का भी हिस्सा रहे हैं और उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली थी.
गोरखा ब्रिगेड से सीओएएस बनने वाले चौथे अधिकारी बनने से पहले रावत थल सेनाध्यक्ष बने. उन्होंने पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें उनके करियर का एक मुख्य आकर्षण म्यांमार में 2015 का सीमा पार ऑपरेशन था, जिसमें भारतीय सेना ने एनएससीएन-के आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर सफलतापूर्वक जवाब दिया था. यह मिशन रावत की देखरेख में दीमापुर स्थित III कोर के ऑपरेशन कमांड से चलाया गया था.
जनरल रावत 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक की योजना का भी हिस्सा था, जिसमें भारतीय सेना नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चली गई थी. रावत नई दिल्ली में साउथ ब्लॉक से घटनाक्रम की निगरानी कर रहे थे. अपनी सेवा के दौरान, जनरल रावत को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक और सेना पदक से अलंकृत किया गया है.