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Nagraj ( Yodha)

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         Chapter 1: Introduction

This is the story of a time. There was a kingdom. King Bhimsen there was very prosperous. He was of high thinking and was very scholar. He had a minister. He was also very learned. That king had a daughter. l She was very beautiful. The priest had a daughter. She always took care of that princess. Many kings tried to destroy that kingdom by attacking it. But all failed because The wise minister always made some plan in advance so that the enemy kings could not get a chance. There was a very deserted place outside that state. Many ghosts and ghosts lived in the deserted place. People were afraid of all those ghosts and ghosts because they were going to kill and eat all the humans.

A very dangerous person also lived in this forest. That person had the power to control the ghosts. That person wanted to make himself a king. So he made many efforts so that he could subjugate this kingdom. able to Many times he has also inflicted fatal blows on the king and many times he tried to subdue the princess as well. But because of the clever minister and priest, he always failed in his endeavor.

There was a very terrible forest 100 km away from that state. There was a cave inside that forest and inside that cave lived an ascetic. Those ascetics were always absorbed in penance. He had many divine powers.  There was a village in the forest. People living in that village always used to go to them to solve their problems.

                    It is a matter of 1 day. Once a sage was going somewhere. It was raining very hard in some village. All the people there were hiding in the houses. That sage could not find a place anywhere. That sage again went to the same village. Knocked on the door of a family located in Said - O mother, you give me some food. That old lady took pity and gave food to that sage to eat. After eating, the sage was very happy. He said - O mother, you are very kind. Your son will become king. She was more happy. Then the old lady became sad in her heart after seeing her house and her luck.

                  But she did not say anything to the sage. After some time, the village was suddenly attacked by the bandits. Many people were killed and the old lady was also killed. But the child survived. The child became an orphan.

Then suddenly the sage came there roaming from somewhere and he saw that child.

Seeing it, he immediately understood that the child is going to become a king. It is written in his destiny to become a king. He took the child in his lap and went to his forest. The child also left after the death of his mother, being very sad, due to not getting any kind of support, and started living with her there. Started. The sage explained to him many things that how the king should do justice, how the king should use weapons and made him proficient in many disciplines. But there is such a knowledge, which is very dangerous, he did not give such knowledge. He thought that at the time when it is needed, this knowledge will be given to the child.


                         यह कहानी है एक समय की l एक राज्य था l वहां का राजा भीमसेन बहुत ही समृद्ध था l उच्च विचार का था और बहुत ही विद्वान था l उसके पास एक मंत्री था l वह भी बहुत ही ज्यादा विद्वान था l उस राजा की एक पुत्री थी l वह बहुत ही सुंदर थी l पुजारी  की एक पुत्री थी l वह उस राजकुमारी का हमेशा ध्यान रखती थी l उस राज्य के ऊपर आक्रमण करके उसे नष्ट करने का प्रयास कई सारे राजाओं ने किया l लेकिन   सारे विफल हो गए l क्योंकि
बुद्धिमान मंत्री हमेशा कोई ना कोई योजना पहले से ही बना कर रखता था l ताकि दुश्मन राजाओं को मौका ना मिल सके| उस राज्य के बाहर एक बहुत ही वीराना जगह था l वीराना जगह में कई सारे भूत और प्रेत रहते थे l उन सभी भूतों प्रेतों से लोग डरते थे क्योंकि वह सभी इंसानों को मारकर खा जाने वाले थे |

     
     

   इसी जंगल में एक बहुत ही खतरनाक इंसान भी रहता था l उस इंसान के पास भूतों को अपने वश में करने की शक्ति थी l  वह व्यक्ति अपने आपको राजा बनाना चाहता था l इसलिए उसने कई सारी प्रयास किए l ताकि वह इस राज्य को अपने अधीन कर सके | कई बार उसने राजा के ऊपर घातक प्रहार भी किए हैं और कई बार उसने राजकुमारी को भी अपने वश में करने का प्रयास किया | लेकिन चतुर मंत्री और  पुरोहित की वजह से वह अपने प्रयास में हमेशा विफल हो जाता था l

 उस राज्य से 100 किलोमीटर दूर एक बहुत ही भयानक जंगल था l उस जंगल के अंदर एक गुफा थी और उस गुफा के अंदर एक तपस्वी रहते थे l वह तपस्वी हमेशा ही तपस्या में लीन रहते l उनके पास बहुत ही सारे दिव्य शक्तियां थी l वहां  उस जंगल में गांव था l उस गांव में रहने वाले लोग हमेशा  समस्याओं के निवारण हेतु उनके पास जाते थे l

     
 


 1 दिन की बात है l एक बार ऋषि कहीं जा रहा थााl  किसी गांव में बहुत ही जोर से बारिश हो रही थी l वहां के सभी लोग घरों में दुबके हुए थे l उस ऋषि को कहीं पर स्थान नहीं मिला l उस ऋषि ने फिर उसी गांव में स्थित एक परिवार के यहां जाकर दरवाजे को खटखटाया l उस दरवाजे से एक बुढ़िया निकली l उस बुढ़िया का एक छोटा सा बच्चा थााl  उस बुढ़िया ने ऋषि को प्रणाम किया और कहा है - ऋषि , मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूं  l उस ऋषि ने कहा - हे माते, आप मुझे कुछ भोजन दे दीजिए | उस बुढ़िया ने  दया करके उस ऋषि को खाने के लिए दे दिया भोजन दे दिया l  खाने के बाद ऋषि अत्यंत खुश हुआ l उसने कहा - हे माता, आप बहुत ही दयालु है l आपका  पुत्र राजा बनेगााl  उस बुढ़िया को यह बात सुनने के बाद बहुत ही ज्यादा प्रसन्नता हुई l फिर वह बुढ़िया अपने घर को और अपनी किस्मत को देखकर मन ही मन उदास भी हो गई l


    
       
 पर उसे ऋषि को कुछ नहीं कहा l कुछ समय बाद, उस गांव पर डाकुओं ने अचानक से आक्रमण कर दिया l  कई सारे लोग मारे गए और बुढ़िया भी   मारी गई l पर वह बालक जीवित रहा l वह बालक अनाथ हो गया l
 फिर अचानक ऋषि कहीं से घूमते हुए वहां पर आए और उसने उस बालक को देखा l उस बालक  को
देखकर तुरंत समझ गए कि वह बालक राजा बनने वाला है l इसके भाग्य में राजा बनना लिखा हुआ हैै l  उसने बालक को अपने गोद में लिया और अपने वन को चला गया | बालक भी अपनी माता के मर जाने के बाद अत्यंत दुखी होकर , किसी प्रकार का सहारा ना मिलने के कारण साथ चला गया l और वहां उनके साथ ही रहने लग गया l उस ऋषि के द्वारा सिखाई गई सारी विद्याओं को उसने एक एक करके अपने अंदर लेना शुरू किया l ऋषि ने उसे बहुत सारी बातों को समझाया कि किस प्रकार राजा को न्याय करना चाहिए,  किस प्रकार राजा को शस्त्र चलाना चाहिए और कई सारी विद्याओं में पारंगत कर दियाा | पर ऐसी विद्या है, जो बहुत ही ज्यादा खतरनाक होती है, ऐसी विद्याओं को उसने नहीं दिया l उन्होंने सोचा कि जिस समय जरूरत होगी उस समय यह विद्या बालक को दे दी जाएगी l

                           एक बार राजा भीमसेन ने एक बहुत ही विशाल यज्ञ किया l यज्ञ में उसने कई सारे राजाओं को आमंत्रित किया  और यह प्रचार किया कि वह व्यापार करेगा l ताकि उसके राज्य की समृद्धि हो l उसके राज्य का नाम कई कई किलोमीटर दूर तक फैल जाए | उसने उसमें कई सारे आयोजन रखें l उसमें एक आयोजन था कि शेरों को मारना है l जो मारकर  आएगा,  वही विजेता कहलlएगा | उस आयोजन में कई कई राज्यों के राजकुमार आए l   राजकुमार सुंदर थे और कई विशाल सेनाओं के साथ आए थे l और उनके पास कई भयंकर भयंकर हथियार भी थी l   सभी राजाओं के राजकुमारों ने उस आयोजन में हिस्सा लिया क्योंकि उस आयोजन में राजकुमारी भी थी l यह जानने के लिए कि विजेता कौन है l  

      


उस आयोजन में बहुत ही खतरनाक विशाल जंगली शेर लाए गए l उन  जंगली शेरों को आपस में ही एक जगह पर बांध कर रख दिया गया एक गुफा के अंदर l 
 उस  के अंदर जाकर उन दोनों  को मारना था l 
 आयोजन शुरू हुआ l राजा ने भव्य स्वागत किया  राजकुमारों का और सभी राजाओं का l  कई सारे कलाकारों और कई सारे शिल्पी कारों को भी बुलाया गया l  कई सारे कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया l  वह समय भी आ गया , जब उनकी विशालकाय शेरों को मारना था l जब उनका आयोजन हुआ, तब सभी लोग अत्यंत ही  रोमांचित हो गए और यह जानने के लिए कि  आज का विजेता कौन है l सभी प्रसन्न हो गए  l उस पिजरे में जाने पर ही कई राजकुमारों को डर लगने लग गया और कई राजकुमार  उस पिजरे में जाने के बारे में सोच कर ही भाग गए l लेकिन कुछ राजकुमारों ने प्रयास किया कि उस पिजरे के अंदर जाकर उस शेर को मारने का l    
 उस रोज सुबह बहुत ही सुंदर तरीके से सूर्य निकला था l चारों तरफ सूर्य का प्रकाश था l पूरा आकाश बहुत ही साफ तरीके से चमक रहा था l सूर्य की किरणें सभी को जला रही थी l

   


 पर अचानक ही मौसम बदल गया l अचानक  चारों तरफ काले बादल छा गए l तूफान आने लग गई l आंधियां चलने लग गई l व्यक्ति आया और आकर उस पिजरे के अंदर चला गया l किसी की हिम्मत नहीं हुई उस व्यक्ति को रोकने की l व्यक्ति पिजरे के अंदर गया l पिजरे के अंदर मौजूद दोनों शेर उसे देखकर ऐसे डर गए जैसे शेर वह नहीं, वह व्यक्ति ही हो l उसका चेहरा देखकर दोनों ही शेर आधे हार चुके थे l उन्होंने लड़ाई लड़ने का कोशिश किया l वीर ने उन दोनों शेर को मारा नहीं l उन्हें बांधकर बाहर निकाल लिया और फिर उसने राजा को सूचित करते हुए कहा - हे राजा, देखो मैंने तुम्हारे दोनों ही शेरों को हरा दिया है l अब इन्हें जीवित छोड़ दो और इन्हें वापस जंगल में जाने दो l इन्हें मारने की कोई आवश्यकता नहीं है l पर खेल का नियम था कि उस आयोजन के अंदर उन दोनों शेरों को मारना था l पर उस वीर ने कहा कि नहींं, इन दोनों शेरों को मारने की
कोई आवश्यकता नहीं है l यह दोनों अपनी हार मान चुके हैं l फिर उस वीर ने राजा को समझाते हुए कहा कि अगर उसने उसकी बात नहीं मानी तो उसका अंजाम बुरा होगा l उस जनसभा के दौरान  लोगों के सामने  युवक के द्वारा  बात समझाते देखकर  राजा तिलमिला उठा l  समझाए जाने पर राजा को ऐसा लगा कि  उसका अपमान हुआ है l राजा ने  आदेश दिया कि  सैनिकों, इस युवक को बंदी बना लो l  कुछ अन्य राजकुमार भी आगे बढ़े l पर उस युवक ने उन सभी को हरा दिया और वापस जंगल की तरफ चला गया l जो आंधियां उठी थी ,  शांत हो गई और  मौसम सुहाना हो गया l


    
 

 राजकुमारी बहुत सुंदर थी l राजकुमारी की सुंदरता देखने के लिए बहुत दूर-दूर से कई सारे राजकुमार और कई सारे लोग आए थे l इस वजह से राजकुमारी को अपनी सुंदरता का बहुत ही अभिमान था l पर जब  युवक ने शर्त को जीतने के बाद भी पुरस्कार नहीं लिया और राजकुमारी की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखा.  I    तब राजकुमारी को बहुत ही बुरा लगा l ऐसा पहली बार हुआ कि राजकुमारी  इतने बड़े आयोजन में आई हो और उसे एक व्यक्ति ने ना देखा हो और बिना उसे देखने चला गया l पहली बार राजकुमारी को इतना बुरा लगा l 

                    सभी कोई चर्चा करने लग गए कि यह व्यक्ति कौन है | जिसने राजा तक को भी आदेश दे डाला और बिना डरे  सामने ही चला गया l उसके बाद सभी लोगों के बीच कानाफूसी होने लग गई कि यह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है  l इस व्यक्ति ने तो दो दो शेरों खूंखार शेरों को बांधकर बाहर निकाल लिया l राजा को चेतावनी देकर भी चला गया l लोगों के अंदर भावना  है कि राजा बलवान नहीं है l बाद में राजकुमारी को मालूम चला कि लोगों के अंदर यह बातें हो रही हैं कि वह नवयुवक बहुत ही वीर था l तब उस राजकुमारी आदेश दे डाला -  युवक को बंदी बनाकर राज्य के राजा के सामने पेश किया जाए l इस  भावना को समाप्त कर दिया जाए  कि राजा बलवान नहीं है l उसने कई सारे गुप्तचरो और कई सारे सैनिकों को इस कार्य में लगा दिया l उस युवक को पकड़ कर लाएं l कई गांव के अंदर कई सारे जासूस सक्रिय हो गया l सभी सैनिकों का सिर्फ एक ही मकसद था कि उसको  पकड़ कर लाना l जो उस आयोजन के अंदर आया थाा l 
          
                        सिपाहियों ने बहुत ही ढूंढने का प्रयत्न किया l पर उन्हें कोई सफलता प्राप्त नहीं हुई l अंत में उन्होंने ढूंढने का एक तरीका निकाला l उन्होंने चारों तरफ फैला दिया कि जो भी उस व्यक्ति के बारे में बताएगा, उस व्यक्ति को पुरस्कार के तौर पर सोने की सिक्के मिलेंगे और उसे राजा के पास सम्मान दिया जाएगा l सभी लोगों को आश्चर्य हुआ l 
                               अंत में एक गांव में एक व्यक्ति ने मजाक की है,  सोचा कि मैं तो खुद ही अगर चला जाऊं, मुझे पुरस्कार भी मिलेगा और कोई व्यक्ति उस व्यक्ति के समान बन सकता है l बहुत हुआ तो फिर वह माफी मांग कर चला जाएगा l  गांव में  उसका नाम था  गोनू l उसने सिपाहियों को कहा कि मैं ही हूं l सभी सैनिकों ने उसे पकड़ लिया और हंसने लगे l उसे डांटते हुए कहा कि तुम हमें सही पता बताओ l
सूचना जान राजकुमारी उस गांव की ओर चल पड़ी l राजकुमारी ने कई सारी सैनिकों को अपने साथ में लेकर उस गांव को घेर लिया l गांव के लोग अचानक से आई हुई राजकुमारी और सैनिकों को देखकर डर गए l उन्होंने सोचा कि पता नहीं आज क्या बात है कि इस गांव में इतने सारे सैनिक आगए l  यही बात दुश्मन राजाओं को मालूम चल गई की राजकुमारी थोड़े से सैनिकों के साथ एक गांव में हैं l उस राजकुमारी को पकड़ने और उसे बंदी बनाने के लिए तुरंत दुश्मन राजाओं ने अपने सैनिक भेज दिए l अचानक से चारों तरफ से दुश्मनों से गिर जाने के कारण  राजकुमारी बहुत ही ज्यादा चिंतित हो गई l उसे  अपनी बात पर अफसोस हुआ l पुजारी  की एक पुत्री थी l वह उस राजकुमारी का हमेशा ध्यान रखती थी l
 पुजारी की पुत्री ने कहा कि - राजकुमारी आप अपने आभूषण को उतार दीजिए और एक साधारण स्त्री के सामान यहां इसी गांव में छिप जाए l राजकुमारी  ने 
ऐसा ही किया l राजकुमारी ने सारे आभूषण उतार दिया l और रथ पर से उतर कर गांव में एक साधारण स्त्री के सामान एक घर में जाकर छुप गई | दुश्मन देश के राजाओं ने  गांव घेर लिया थााl  उन्होंने चप्पे-चप्पे पर, सारे घरों में जा जाकर राजकुमारी को ढूंढना शुरू कर दिया l  उस गांव के लोग को आभास हुआ कि उन्हें राजकुमारी की मदद करनी चाहिए l  उनके गांव में एक मंदिर था  l उस मंदिर पर एक बहुत बड़ा घंटा था l उस घंटी को उन्होंने जोर जोर से बजाना शुरू कर दिया l वह घंटी की आवाज खतरे की सूचना देने के लिए होती थीी l   खतरे की सूचना मिलते ही तुरंत राज्य के राजा भी परेशान हो गए l राजकुमारी को ढूंढना शुरू कर दिया l और राजा भी अपनी सेना लेकर उस गांव की ओर चलने लग गया l गांव के पास स्थित जंगल से एक भीषण कोलाहल  होने लग गया l  उस जंगल से घोड़े पर सवार एक भयंकर वीर निकला l फिर उस वीर ने आते के साथ ही दुश्मन की सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए l उसने अपने तलवार से सभी दुश्मन की सैनिकों  को मारना शुरू कर दिया और उसकी वीरता को देखकर दुश्मन के सैनिकों के हाथ पांव फूल गए  l सभी  दुश्मन देश के सैनिकों को अपनी मौत सामने नजर आने लगीी   l  उसके सामने  तो दुश्मन सैनिक  भागने लग गए l  सारे के सारे ऐसे भागने लगे जैसे जंगल में शेर को देखकर हिरण भागने लग जाते l  दुश्मन देश के राजा भी उस युद्ध को देखकर डरने लग गए l सभी राजा डर के मारे धीरे-धीरे वहां से हटने लगे | राजकुमारी का पिता राजा भीमसेन वहां पहुंचा l उस समय युवक वापस  जंगल के अंदर ही चला गया | गांव के लोगों ने बताया कि किस प्रकार उस युवक ने राजा की पुत्री राजकुमारी को बचाया है l राजा उस वक्त तारीफ करना चाहता था l पर जैसे ही वह आगे बढ़ा, उस
 ने देखा कि दुश्मन देश के सैनिकों को  इतनी बेरहमी से मारा है कि उसके  भी होश खफा हो गए l राजा भी उसके द्वारा मारे गए सैनिकों को देखकर थरथर कांपने लग गया. I   किसी के हाथ कट गए थे,  किसी के पैर कट गए थे और किसी का गर्दन ही काट डाला था l  कोई भी ऐसा सैनिक नहीं था,  जीवित रह गया था l उस युवक ने इतनी बेरहमी से मारा है कि जीवित सैनिक मौत के लिए भीख मांग रहे थे l राजा ने सोचा कि जो अकेला व्यक्ति इतने सारे सैनिकों को मार सकता हैै, वह भविष्य में कभी भी किसी बड़े राजा को भी हरा सकता हैै l  राजा भीमसेन उस गांव से तुरंत अपनी राजधानी को लौट जाना चाहता था l राजा अपनी पुत्री को लेकर वहां से राजधानी लौट गया |
                          
                            Chapter 2 
       Love between Princesses and Yodha

 राजा ने सोचा कि जो अकेला व्यक्ति इतने सारे सैनिकों को मार सकता हैै, वह भविष्य में कभी मेरे राज्य के ऊपर शासन कर सकता है l और यहां के लोगों को डरा धमका कर अपने अधीन कर सकता है l राजा ने नवयुवक को मारने का आदेश दे दिया l

                      भीमसेन के पुजारी को जब यह बात मालूम चली, तो उन्हें बहुत दुख हुआ l उन्होंने राजा को यह समझाया कि  युवक ने राजकुमारी की रक्षा की थी | वह नवयुवक राज्य नहीं चाहता l  वह जंगल में रहता है l और पुजारी ने कहा कि मैंने पता किया है कि वह नवयुवक जंगल में ही रह कर  तपस्या करता है l इसलिए नवयुवक से डरने की कोई जरूरत नहीं l अचानक  सैनिकों ने आकर सूचना दी कि पड़ोसी देश की राजाओं ने अचानक से आक्रमण कर दिया है l पड़ोसी देश की राजाओं के अचानक आक्रमण करने की वजह से राजा  बहुत ही ज्यादा चिंतित हुआ l पुजारी ने मंत्री को आदेश दिया कि वह सेना को तैयार करें , युद्ध आरंभ करने के लिए l राजा भीमसेन के पास बहुत ज्यादा पैसा नहीं था, हथियार खरीदने तथा सैनिकों को भोजन खिलाने के लिए l  उनके पास ज्यादा पैसा नहीं होने के कारण, पुजारी भी चिंतित थे l ऐसी कठिन समय में पुजारी ने सोचा क्यों ना उस युवक की मदद ली जाए l राजा उस युवक की मदद नहीं लेना चाहते थे l क्योंकि उन्हें लगता था कि वह नवयुवक एक इंसान ही नहीं हैै, वह एक दरिंदा हैै l  पर पुजारी ने उन्हें समझाते हुए  कहा कि  हम उस नवयुवक का सिर्फ सहयोग चाहते हैै l  पुजारी ने तुरंत गांव के मुखिया एवं सरपंच को आदेश दिया कि  युवक को समझा-बुझाकर राजा के सामने ले आए   l तथा राजा को भी यह कहा कि राजा सबके सामने उसने युवक से माफी  मांगे l 
 अचानक जंगल में हलचल हुई l जंगल से अचानक की कई सारी चिड़िया निकालें  l हाथी पागल हो गए l शेर दहाड़ में लग गए l  राजा ने तुरंत सैनिकों को आदेश दिया कि जंगल से कोई भयंकर जानवर आ रहा है l सैनिक तैनात हो जाए हथियारों के साथ l अचानक उन्हें भयंकर आंधी दिखाई दी l सैनिकों की आंखों के सामने अंधेरा छा गया और उस अंधेरे को चीरता हुआ  युवक राज्य के अंदर आया l उसी वक्त को देखकर कई सारे लोग डर गए l सभी लोग डर के मारे के  घर के अंदर चले गए l राजा के सैनिक लोग डर गए l
                      पुजारी ने उन्हें पहले ही समझा दिया था कि किसी भी प्रकार की कोई भी गलती  ना करें l पुजारी ने कहा था कि हे राजा, आपको कुछ भी नहीं करना l सब कुछ मैं संभाल लूंगााl  आप सिर्फ सिर हिलाना और कुछ भी मत कर
ना l  राजा जानता था कि पुजारी बहुत ही बुद्धिमान है l इसलिए राजा के पास दूसरा कोई भी विकल्प नहीं था l  पुजारी ने कहा  - यह बेटे,  तुम इस दरबार में एक अतिथि के रुप में आए हो l राजा के पास आकर  बैठो l वह युवक पुजारी को प्रणाम करते हुए आगे जाकर कुर्सी पर बैठ गया l  पुजारी ने बड़ी ही चतुराई से उस उस युवक को प्रेम दिखाते हुए कहा है -  युवक , हमारे राज्य में बहुत ही भीषण विपत्ति आई है l  हमारे राज्य के ऊपर कई सारे दुश्मन राजाओं ने आक्रमण कर दिया है  l हमें तुम्हारी सहायता की जरूरत है l  और वीर लोग हमेशा ही अच्छे लोगों का साथ देते हैं l युवक ने कहा -  पुजारी ,  राज्य के लोगों का  मदद करने के लिए हमेशा ही तैयार   हूं l

इस प्रकार अपनी सहमति देकर वह शांत हो गया l पुजारी  बड़ी चतुराई से राजा को और उस युवक को संभाल पाया l उस युवक को अपने राज्य का वीर और सैनिक घोषित करते हुए पुजारी ने  सम्मानित किया l


 भीमसेन राजा के बगल में रुद्रसेन राजा रहता था l रुद्रसेन राजा के पास ऐसे सैनिक थे, जो मरे हुए लाश को खा जाते थे l उनके शरीर से भयंकर दुर्गंध आती थी और उनका शरीर बहुत ही डरावना होता था l अपने दुर्गंध   और घातक हथियारों के साथ किसी भी  युद्ध में जीत जाते थे l राजा भीमसेन युद्ध करने के लिए आदेश  दे दिया l भीमसेन अपनी सेना के आगे चलता हुआ जा रहा था l पर पुजारी ने उसे समझाया कि वह सेना के आगे ना जाकर, किसी और व्यक्ति को सेना के आगे भेजें l भीमसेन सेना के बीच में चले जाते थे l युद्ध शुरू हुआ l युद्ध में रूद्र सेन की सेना ने भीमसेन की सेना को मारना शुरू कर दिया l अपनी सेना को मरते हुए देखकर भीमसेन बहुत अधिक डर गया l पुजारी तथा मंत्री को इंतजार था , उस युवक का l फिर अचानक ही जंगल भयंकर हलचल शुरू हुआ l जंगल के सारे  वृक्ष पेड़ हिलते हुए नजर आए l और उन पेड़ों के बीच में से बहुत जानवर निकलने लगे l उन्हीं जानवरों के बीच में  युवक घोड़ों पर सवार होकर आगे आने लग गया l  युवक ने युद्ध में आते ही रूद्रसेन के सैनिकों को मारना शुरू कर दिया l रूद्रसेन के सैनिकों को गाजर मूली की तरफ काटता हुआ चला गयााl  रूद्र सेन भी अचंभा हो गया कि आखिरी  कौन  है , जो घास की तरह काटा चला जा रहा है l रूद्र सेन की सैनिक बहुत ही ज्यादा क्रूर थे l इसलिए उन्हें कोई प्रभाव नहीं पड़ा l भीमसेन युद्ध कौशल देखकर आश्चर्यचकित हो गया l  राजा भीमसेन के सैनिक पहले से ही डरे हुए थे l पर अब उस युवक के युद्ध  के तरीके को देखकर उन्हें और डर लगने लगा l जैसे उनके लिए आगे कुआं, पीछे खाई है l  उस युवक ने  रूद्र सेन के सैनिकों को ऐसे मारना शुरू किया, जिस प्रकार से कोई शेर चूहों को मारता है l

                    
  
The Rudrasen king lived next to the Bhimsen king. The Rudrasen king had such soldiers, who used to eat the dead corpse. His body smelled awful and his body was very scary. With his foul smell and deadly weapons Used to win in any war. King Bhimsen gave orders to fight. Bhimsen was going ahead of his army. But the priest explained to him that he should not go ahead of the army, send someone else in front of the army.  Bhimsen used to go in the middle of the army. The war started. In the war, Rudra Sen's army started killing Bhimsen's army. Seeing his army dying, Bhimsen was very much scared. The priest and the minister were waiting, that The young man's .  Then suddenly there was a fierce movement in the forest. All the trees of the forest were seen shaking. And many animals started coming out of those trees. He started killing Rudrasen's soldiers as soon as he entered the war. Rudrasen's soldiers went on cutting towards the carrot radish. Bhimsen also wondered who was the last, who was being cut like grass. Rudra Sen's soldiers were very cruel. So they were not affected. Bhimsen was surprised to see his fighting skills. Bhimsen
were already scared. He started killing Rudrasen's soldiers as a lion kills rats.

           First time, king Rudrasen was afraid of any war. He didn't want to face the same young man. But his son thought that the young man was similar to the other soldier. He was ready to go for war with the young man.



                 

The prince thought that I would kill him and prove to everyone that I was the warrior. To show he is best , he started for searching the young man.

 रूद्र सेन अपनी हार से बहुत ज्यादा परेशान हो गया l
 वह बहुत तनाव में रहने लग गया l  उसने आखिर अंत में उसने बहुत ही खतरनाक योजना  सोची l

 उसने जादूगर अजगर को बुलाया l जादूगर अजगर इंसान बिल्कुल भी नहीं  था l वह इंसानों को मारकर खा जाता था l जादूगर अजगर को देखकर बड़े-बड़े लोगों के हाथ फूल जाते l

  रूद्र सेन ने उस जादूगर को बुलाकर कहा कि मुझे भीमसेन की पूरी की पूरी राज्य चाहिए l इसके बदले में तुम मुझसे जो चाहे ले लो | जादूगर अजगर और राजा रूद्र सेन की बीच में समझौता हो गया l दोनों की सेना भयंकर ताकत के साथ भीमसेन के ऊपर आक्रमण करने वाले थे l भीमसेन के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला था l

The young prince who is full of energy and enthusiasm, start trying to get and kill the young man. He wants to punish him. So thirty thousand soliders were called to search him. The soldiers tried there best to get the young man. But they did not have any idea about the man.
            

The young man has gone for worship of God in forest.


    In the forest, there was a mountain 🏔️🏔️🏔️. On the top of the mountain, he started worshiping God in the peace environment.
    One of the soldiers get the information about the young man. He was the first man to come to know about the man. He went to prince, and give him information about the young man. The prince had announced to catch him or kill him.


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